- राजा राम मोहन राय को भारतीय पुनर्जागरण का वास्तुकार और आधुनिक भारत का जनक माना जाता है।
जबलपुर/भारत एक विशालकाय देश है। यहाँ अनेक प्रकार के जाति, धर्म के लोग एक साथ निवास करते हैं। हमारे देश में अमीरी-गरीबी, रंगभेद, लिंगभेद आदि के कारण बहुत सी कुप्रथाओं और बुराइयों ने जन्म लिया है। इन सामाजिक कुरीतियों को मिटाने में भारतीय समाज सुधारकों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जहां कुछ प्रतिष्ठित हस्तियों ने महिला शिक्षा के लिए अपना समर्थन दिया, वहीं कुछ भारतीय समाज सुधारकों ने विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया।
भारत में इन समाज सुधारकों ने बिना किसी पूर्वाग्रह के बेहतर समाज व राष्ट्र के निर्माण की दिशा में काम किया। कई दशक आते और जाते हैं परंतु जो रह जाते हैं वह है महान समाज सुधारकों के महान कार्य और हमारे हृदय में उनके लिए सम्मान। इन महान व्यक्तियों ने समाज की भलाई के लिए ऐसे अविश्वसनीय कार्य किये जिससे समाज में एक सुन्दर, शांत, मानवता और खुशियों से भरा हुआ वातावरण बना रहे। इन्होंने देश में एक नयी सोच की शुरुवात की जिनका आज भी हम पालन करते हैं। राजा राममोहन राय भी इनमें से ही एक थे। राजा राम मोहन राय ऐसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने इन अमानवीय प्रथाओं के खिलाफ लड़ने का फैसला किया। उन्हें भारतीय पुनर्जागरण का वास्तुकार और आधुनिक भारत का जनक माना जाता है। यह भारतीय समाज सुधारक भारतीय उपमहाद्वीप में सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन एवं ब्रह्म समाज के संस्थापक थे, जिसने सतीप्रथा, बहुविवाह, बाल विवाह और जाति व्यवस्था के रूप में हिंदू रीति-रिवाजों के खिलाफ धर्मयुद्ध किया था।
राजा राम मोहन राय ने महिलाओं के लिए संपत्ति विरासत के अधिकार की भी मांग की। वो जाति से ब्राह्मण थे। उनकी दूरदतर्शिता और वैचारिकता के सैकड़ों उदाहरण इतिहास में दर्ज हैं। हिन्दी के प्रति उनका अगाध स्नेह था। वे रूढ़िवाद और कुरीतियों के विरोधी थे लेकिन संस्कार, परंपरा और राष्ट्र गौरव उनके दिल के बहुत करीब थे। तो आइये सुनते हैं ऐसे महान समाज सुधारक राजा राममोहन राय की पूरी जीवन गाथा सिर्फ booksinvoice.com पर।