- आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर दोनों मामलों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई।
- रिपोर्ट में एफआईआर की स्थिति और खाद्य विषाक्तता के पीड़ितों की स्वास्थ्य स्थिति शामिल होनी चाहिए।
आंध्र प्रदेश/राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने आंध्र प्रदेश में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करने वाली खाद्य विषाक्तता की दो कथित घटनाओं के बारे में 19 और 21 अगस्त, 2024 को मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों का स्वतः संज्ञान लिया है। एक घटना में, कथित तौर पर, चित्तूर अपोलो हेल्थ यूनिवर्सिटी में खाद्य विषाक्तता के कारण 70 छात्रों का स्वास्थ्य गंभीर रूप से प्रभावित हुआ था, जिनका चित्तूर सरकारी अस्पताल में उपचार चल रहा है। दूसरी घटना में, अनकापल्ली जिले के एक अनाथालय में भोजन विषाक्तता के कारण तीन बच्चों की मृत्यु हो गई और 37 अन्य बीमार हो गए। उन्हें अनकापल्ली और विशाखापत्तनम के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
आयोग ने कहा है कि समाचार रिपोर्टों की सामग्री, यदि सत्य है, तो यह पीड़ितों के मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। ये दोनों घटनाएं उचित भोजन की गुणवत्ता और रहने वालों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के प्रति संबंधित अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाती हैं।
तदनुसार, आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर दोनों मामलों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें एफआईआर और पीड़ितों की स्वास्थ्य स्थिति शामिल होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में यह सुनिश्चित करने के लिए कि ऐसी कष्टदायी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हों, उठाए जाने वाले/प्रस्तावित कदमों का उल्लेख भी किया जाए।