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Friday, Oct 18, 2024,

Education / University / India / Maharashtra / Wardha
MGAHV : अकादमिक उत्‍थान के साथ हिंदी के विकास का लक्ष्‍य : प्रो. के. के. सिंह

By  AgcnneduNews...
Sat/Apr 27, 2024, 10:35 AM - IST   0    0
  • हिंदी विश्‍वविद्यालय के कुलपति पद का कार्यभार संभाला : प्रो. के. के. सिंह
  • प्रो. कृष्‍ण कुमार सिंह 01 जुलाई 2010 से हिंदी विश्‍वविद्यालय में कार्यरत हैं।
Wardha/

वर्धा/27 अप्रैल 2024, महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा के कुलपति के रूप विश्‍वविद्यालय के वरिष्‍ठ प्रोफेसर एवं अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. कृष्‍ण कुमार सिंह ने शनिवार, 27 अप्रैल को कार्यभार ग्रहण कर लिया है। कुलपति पद का दायित्‍व संभालने के बाद उन्‍होंने कहा कि अकादमिक उत्‍थान के साथ हिंदी के विकास का लक्ष्‍य प्राप्‍त करने की दिशा में काम करना उनकी प्राथमिकता होगी। शनिवार को कुलपति कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. धरवेश कठेरिया ने पुष्‍पगुच्‍छ प्रदान कर प्रो. सिंह का स्‍वागत किया। पूजा के उपरांत विधि विधान के साथ उन्‍होंने कार्यभार एवं पद ग्रहण किया।  

प्रो. कृष्‍ण कुमार सिंह 01 जुलाई 2010 से हिंदी विश्‍वविद्यालय में कार्यरत हैं। मध्‍यकालीन भक्ति साहित्‍य, आधुनिक कविता तथा आलोचना और तुलनात्‍मक भारतीय साहित्‍य में उनकी विशेषज्ञता है। हिंदी विश्‍वविद्यालय में अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता, अनुवाद अध्‍ययन विभाग, श्रीचमनलाल प्रवासन एवं डायस्‍पोरा अध्‍ययन विभाग एवं अंतरराष्‍ट्रीय  हिंदी शिक्षण के अध्‍यक्ष के रूप में दायित्‍व निभाया है। वे विश्‍वविद्यालय की कार्य परिषद, विद्या परिषद के सदस्‍य रहे हैं तथा अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ की स्‍कूल बोर्ड एवं पांडिचेरी विश्‍वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्‍ययन मंडल के सदस्‍य भी रहे हैं। वे हैदराबाद विश्‍वविद्यालय के मानविकी संकाय के स्‍कूल बोर्ड के सदस्‍य और पंडित रविशंकर शुक्‍ल विश्‍वविद्यालय रायपुर के अध्‍ययन मंडल के सदस्‍य हैं। उनकी कईं पुस्‍तकें प्रकाशित हैं। वे प्रेमचंद जीवन दृष्टि और संवेदना पुस्‍तक के संपादक, हिंदी के नामवर के सह-संपादक हैं। उपन्‍यास, लोकतंत्र और सांप्रदायिकता, मध्‍यकालीन कृषक और कबीर, संत काव्‍य के विकास में वर्ण, जाति और वर्ग की भूमिका उनकी चर्चित पुस्‍तकें हैं। उनके शोध पत्र एवं आलेख अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। उनके शोध निर्देशन में 16 शोधार्थियों ने पीएच.डी. प्राप्‍त कर ली है तथा तीन शोधार्थी शोधरत हैं।  उन्‍होंने हैदराबाद विश्‍वविद्यालय से अवतारवाद की सामाजिक पृष्‍ठभूमि : भक्तिकालीन हिंदी साहित्‍य के संदर्भ में विषय पर पीएच.डी. प्राप्‍त की है।

इस अवसर पर प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल, प्रो. कृपाशंकर चौबे, प्रो. फरहद मालिक, प्रो.अवधेश कुमार, प्रो. गोपाल कृष्‍ण ठाकुर, प्रो. आनंद पाटिल, डॉ. रामानुज अस्‍थाना, डॉ. ओम प्रकाश भारती, डॉ. रवि कुमार, डॉ. संदीप कुमार वर्मा, डॉ. निशीथ राय, डॉ. कृष्‍ण चंद पाण्‍डेय, डॉ. योगेन्द्र बाबू, डॉ. जगदीश नारायण तिवारी, राजेश कुमार यादव, निलेश मुंजे आदि प्रमुखता से उपस्थित थे। कुलपति बनने पर उन्‍हें विश्‍वविद्यालय शिक्षक, शिक्षकेतर अधिकारी एवं कर्मियों ने बधाई दी है।

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