समान ख्यायेति सखा,बन्धुः स्नेहेन बध्नाति।
सर्वं माययति मित्रं,स्यात् सतीर्थः सतीर्थ्योऽपि।।
( मित्र के चार नामों का अर्थ)
जो हमारे समान माना जाता है वह सखा,
जो स्नेह से बंधा हुआ है वह बंधु,
जो हमारे बारे मे सब जानता है मित्र
और जो हर स्थान पर हमारे साथ रहे वह सतीर्थ्यः।
(MEANING OF FOUR NAMES OF FRIEND )
WHO IS CONSIDERED LIKE US IS
SAKHA ,
WHO IS BOUND BY AFFECTION IS BANDHU ,
WHO KNOWS ALL ABOUT US IS MITRA,
AND THE ONE WHO STAYS WITH US EVERYWHERE IS SATIRTHYA.