- याचिका में कहा गया है कि भारत को 'तालिबान' बनने से रोका जाना चाहिए।
- याचिकाकर्ता का कहना है कि राज सरकार का यह दायित्व है कि वह लोगों की जान और संपत्ति को नुकसान होने से बचाएं।
नई दिल्ली/ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखल कर पश्चिम बंगाल में मतदान के बाद हो रही हिंसा को देखते हुए संविधान के अनुच्छेद-356 के तहत वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की गुहार लगाई गई है। याचिका में कहा गया है कि राज्य में कानून-व्यवस्था लगभाग खत्म हो गई है।
वकील घनश्याम उपाध्याय द्वारा दाखल इस याचिका में साथ ही मतदान के बाद 16 भाजपा कार्यकर्ताओं की हुई हत्या की जांच विशेष जांच दल एसआईटी से कराने की गुहार भी लगाई है। याचिका में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीश धनखड़ से राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर रिपोर्ट तलब करने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि पश्चिम बंगाल में कानून का शासन नहीं है और वहां संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से विफल है। याचिका में अखबार और न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि 16 भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या तृणमूल कांग्रेस के गुंडों के द्वारा की गई है।
इसके अलावा याचिका में आरोप लगाया गया है ये घटनाएं सत्ता में बैठे लोगों की के इशारे पर हो रही हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि राज सरकार का यह दायित्व है कि वह लोगों की जान और संपत्ति को नुकसान होने से बचाएं। यह भी आरोप लगाया गया है कि राज्य में खासतौर पर भाजपा समर्थको को निशाना बनाया जा रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस तरह का चलन बढ़ रहा है जब सत्ताधारी दल अपने विरोधी दलों को दबाने की कोशिश करते हैं। याचिका में कहा गया है कि भारत को 'तालिबान' बनने से रोका जाना चाहिए।