- कभी-कभी तो लोग अपने जीविकोपार्जन के लिए बगीचों में मालिन का भी काम करते हैं।
- कामनी राजा को बगीचे में प्रवेश करता देख डर जाती है।
- अपराधी से जुड़े कुछ घटनाओं ने वनपालिका के मन को ग्रसित कर दिया था।
जबलपुर/बाग-बगीचों और फूलों के बीच रहना हर किसी को पसंद होता है। यहाँ हर व्यक्ति को फूलों से स्नेह है। बगीचा हरी-भरी घास और फूलों से भरपूर स्थान होता है जहाँ सभी को शांति मिलती है। जैसे फूलों का रस तितलियों को आकर्षित करती है वैसे ही फूल, बाग-बगीचे हमारे मन को आकर्षित करती है। कभी-कभी तो लोग अपने जीविकोपार्जन के लिए बगीचों में मालिन का भी काम करते हैं। यह कहानी भी एक कामनी नाम की लड़की की है जो एक बगिया में मालिन का काम करती थी। कामनी वहाँ रहकर बगीचे की देखभाल करती थी तथा उस बगीचे से फूल चुनकर माला बनाती थी।
एक दिन अचानक घोड़े पर सवार होकर राजा तेज गति से कानन में प्रवेश करता है। कामनी राजा को बगीचे में प्रवेश करता देख डर जाती है। राजा कामनी से कहता है कि तुम कौन हो? कामनी राजा को अपना पूरा परिचय देती है। जिसके बाद राजा कामनी को आदेश देता है कि तुम मेरे लिए इन सुंदर पुष्पों से माला बना कर रखो, मैं वापस आकर वह माला अपने साथ ले जाऊँगा। कामनी सुंदर सी माला बनाकर राजा का इंतज़ार करती है परंतु राजा वापस नहीं आता। इसके बाद कामनी निराश होकर वापस अपने घर चली जाती है। कुछ देर बाद राजा दूसरे मार्ग से कानन में फिर प्रवेश करता है लेकिन इस बार कानन में उसको कामनी नहीं मिलती और वो वहाँ से चला जाता है। कुछ बरस बाद कामनी और राजा की मुलाक़ात फिर से उसी कानन में होती है। जहां कामनी पुष्प की माला बनाकर राजा को पहना देती है। जिससे प्रसन्न होकर राजा कामनी को उस बगीचे की वनपालिका घोषित कर देता है।
तभी एक दिन रात्रि के समय कानन में कोई अपराधी युवक आता है जिसे वनपालिका बड़े ही संकोच के साथ अंदर प्रवेश करने से मना कर देती है फिर उसके आग्रह पर उसे अंदर आने देती है और उससे प्रश्न करती है कि तुमने कौन सा अपराध किया है? इतने में अपराधी युवक का जवाब आता है कि भोर होने पर बताऊंगा। भोर होते ही अपराधी वहाँ से चला जाता है। अपराधी से जुड़े कुछ घटनाओं ने वनपालिका के मन को ग्रसित कर दिया था। वनपालिका उसका इंतजार करती रही और देखते ही देखते बरसों बीत गए। कानन अब जंगल हो गया था। अब वहाँ पहले की तरह हरी-भरी घास और पुष्प नहीं थे। वनपालिका अब अकेली नहीं थी उसका बेटा भी साथ था। एक दिन कानन में राजा के बेटे और कामनी के बेटे के बीच लड़ाई हो जाती है। विचारों के अनुसार शायद इस लड़ाई में राजा के बेटे की मृत्यु हो जाती है? परंतु सोचने वाली बात ये है कि आखिर अपराधी कौन था और क्या अपराध किया था उसने? क्या राजा का बेटा अपराधी था या कामनी का? क्या राजा और कामनी अपने बेटों के बीच हुए इस लड़ाई का राज जान पाएंगे? क्या राजा असली अपराधी को पहचान कर उसे सजा दे पाएगा? ऐसे बहुत से सवाल मेरे मन में भी उपज रहे हैं।
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