- राज्य के सभी किसानों को कम से कम 80 से 100 मिमी बारिश होने तक बुवाई नहीं करनी चाहिए।
- महाराष्ट्र सरकार के कृषि विभाग के माध्यम से अपील की जा रही है कि किसान बुवाई ना करें
वर्धा/महाराष्ट्र में पिछले आठ दिनों से लगातार कम- ज्यादा बारिश हो रही है। हालांकि, यह हर जगह समान नहीं है और कोंकण के अलावा अन्य जगहों पर कम बारिश हो रही है सोयाबीन, तूर , मूंगफली और मक्का की योजना बनाने के लिए बुवाई की तैयारी की जानी चाहिए। विदर्भ में धान की फसल के लिए नर्सरी की तैयारी जारी रखी जाए। खरीफ सीजन कपास और सोयाबीन की फसलों के लिए पूर्व-खेती का काम मिट्टी के प्रकार के अनुसार किया जाना चाहिए। खरीफ फसलों की बुवाई के लिए सोयाबीन, कपास, तुर , उड़द, हरा चना, मक्का, कृषि भूमि को जुताई और स्थानांतरित करके तैयार किया जाना चाहिए।
राज्य के सभी किसानों को कम से कम 80 से 100 मिमी बारिश होने तक बुवाई नहीं करनी चाहिए। अपर्याप्त नमी पर बुवाई के बाद रुक-रुक कर बारिश होने पर बुवाई बर्बाद हो सकती है। जब 80-100 मिमी बारिश होती है, तो पर्याप्त नमी अवशोषित होती है और यदि मात्रा गिरती है, तो फसल सहन कर सकती है। इसलिए महाराष्ट्र सरकार के कृषि विभाग के माध्यम से अपील की जा रही है कि किसान बुवाई के लिए जल्दबाजी न करें।