- सरपंच द्वारा लागू की गई नवीन अवधारणाओं की सराहना की
- वर्धा जिले के रसूलाबाद के सरपंच को मिला सीएम से बातचीत का मौका
- गांव में सभी का स्वास्थ्य परीक्षण गांव को कोरोना से मुक्त कराने में सफल
वर्धा/रसूलाबाद के सरपंच राजेश सावरकर ने मुख्यमंत्री से बातचीत करते हुए कहा कि गांव में हर परिवार के मार्गदर्शन और सहयोग से छोटे बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण, गांव का कीटाणुशोधन और गांव में सेवारत दो युवा डॉक्टरों का मार्गदर्शन और सहयोग भी मिलता है| बड़े शहरों में रसूलाबाद सफलतापूर्वक आजाद हुआ।
आज मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नागपुर, अमरावती और औरंगाबाद राजस्व संभागों के सरपंचों के साथ टेलीविजन प्रणाली के माध्यम से बातचीत की। इस बार उन्होंने अपने गांव में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए प्रत्येक जिले में एक सरपंच द्वारा किए गए उपायों के बारे में जाना।
इस समय सरपंच राजेश सावरकर ने बताया कि रसूलाबाद की जनसंख्या 3781 है और 1035 परिवार हैं. लेकिन साथ ही गांव के हर परिवार की जांच की गई। गांव में 50-50 युवक-युवतियों के दो ग्रुप बनाकर उन्हें गांव के हर घर में बीमार कौन है, यह पूछने की जिम्मेदारी दी गई|
सावरकर ने कहा कि रसूलाबाद के दो डॉक्टरों का मार्गदर्शन बहुत जरूरी है| गांव की आशा, आंगनबाडी सेविका, ग्राम सेवक, पुलिस पाटिल और शिक्षकों ने अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन किया| दूसरी लहर में गांव में 35 मरीज थे, इनमें से चार की मौत हो गई। उन्होंने यह भी कहा कि गांव में आज एक भी कोरोना का मरीज नहीं है|
टीकाकरण को लेकर ग्रामीणों में फैली भ्रांति को दूर कर कोरोना ने 75 प्रतिशत ग्रामीणों का टीकाकरण किया। उन्होंने लोगों को कोरोना काल में रक्त और प्लाज्मा दान करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। इस मौके पर उन्होंने मुख्यमंत्री, कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी को धन्यवाद दिया|
सरपंच का मार्गदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, "मुझे महाराष्ट्र के सभी सरपंचों पर गर्व है और उन्होंने हमेशा मुख्यमंत्री का सहयोग किया है।" सभी सरपंचों ने कोरोना काल में बहुत अच्छा काम किया है और उनके द्वारा लागू की गई अभिनव अवधारणा के लिए बधाई दी है। लेकिन यह आपको तय करना है कि गांव में कोरोना को घुसने दिया जाए या नहीं। अब हमें इस समझ के प्रति उदासीन नहीं होना चाहिए कि कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आई है। बेहोश होते ही कोरोना आ जाता है। इसलिए मरीजों की संख्या थोड़ी बढ़ भी जाए तो तुरंत उपाय शुरू करें। गाँव की हर बस्ती में टीम बनाकर उन्हें घर बाँटने और सभी से पूछने को कहें। परीक्षणों की संख्या कम न करें। मानसून के मौसम में प्रकोप तेज हो जाता है।
इस समय वर्धा जिल्हा जिल्हाधिकारी कार्यालय से जिल्हा परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ सचिन ओंबासे, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी विपुल जाधव, आर्वी तालुका के रसुलाबादचे सरपंच राजेश सावरकर आणि सेलू तालुका के कोटंबा ग्राम के सरपंच रेणुका कोटंबकर आदि उपस्थित थे।