Wardha/वर्धा/महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के दलित कुलसचिव को एक खास विचारधारा लेफ्ट ने अपने निशाने पर ले रखा है। ये खास विचारधारा लेफ्ट विश्वविद्यालय में हो रहे प्रत्येक काम को गलत ठहराने का काम कर रहे हैं।
बताते चलें कि, हाल ही में एक नए मामले को तूल पकड़ाने की छद्म कोशिश जारी है। जिसमें कहा जा रहा है कि विश्वविद्यालय के बोधिसत्व बाबा साहब भीम राव अंबेडकर भवन के आगे स्थित अंबेडकर की मूर्ति के सामने प्रत्येक गुरुवार को अंबेडकर के लेखों व किताबों का वाचन अंबेडकर स्टडी सर्किल द्वारा किया जाता था। जिसपर कुलसचिव डॉ. धरवेश कठेरिया ने रोक लगा दी है। जबकि यह सिर्फ दलित कुलसचिव को बदनाम करने की साजिश है।
कुलसचिव डॉ. धरवेश कठेरिया ने अंबेडकर स्टडी सर्किल के संरक्षक प्रोफेसर एल. कारुण्यकरा को लिखित में यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के किसी भी भवन /हाल में करने की अनुमति दी थी।
कहा- अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय में आप (प्रोफेसर एल. कारुण्यकरा) ऐसे जमीन में बैठाकर कार्यक्रम करते हैं यह एक विश्वविद्यालय के लिए बहुत ही दुखद हैl दूसरे छात्र अचरज भरी निगाहों से देखते हैं। उसके बावजूद अंबेडकर स्टडी सर्किल के संरक्षक जमीन पर कार्यक्रम करने की जिद्द बनाए रखी। उसके बाद बारी-बारी अंबेडकर स्टडी सर्किल के 3 सदस्यों ने इससे इस्तीफा दे दिया। जब अंबेडकर स्टडी सर्किल के सदस्यों में आपसी मतभेद हैं तभी वे लोग इस्तीफा दे रहे हैं।
अंबेडकर स्टडी सर्किल में जाने वाले कुछ विद्यार्थियों से बात करने पर बताया गया कि, अनेकों बार ब्रम्हाण विरोधी बाते भी कार्यक्रम में की जाती थी। ऐसे में कुलसचिव पर बेबुनियादी आरोप लगाने वाले लोगों को पहचानना जरूरी है।
राम भक्त कुलसचिव डॉ. धरवेश कठेरिया स्वयं दलित समुदाय से आते हैं। और वे स्वयं बी. आर. अंबेडकर के कार्यों से प्रेरणा लेने का संदेश कई बार मंचों से भी देते नजर आते हैं। प्रतीत होता है कि, इस विचारधारा से जुड़े लोगों को दलित समुदाय, गरीब परिवार से आने वाले डॉ. धरवेश कठेरिया न तो कुलसचिव के रूप में बर्दाश्त हो रहे हैं और न शिक्षक के रूप में। बीते दिनों विश्वविद्यालय के एक शिक्षक ने अपने फेसबुक से डॉ. कठेरिया के बारे में अशोभनीय टिप्पणी की थी। तब अंबेडकर स्टडी सर्किल के संरक्षक इंचार्ज कुलपति थे लेकिन उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की। जबकि कई बार शिकायत की गईl इसलिए बहुत जरूरी है कि बाबा साहब के नाम पर यह राजनीति बंद होनी चाहिए।
बता दें कि, कुलसचिव डॉ. कठेरिया ने 4 जनवरी को "अपराह्न 6 से 7 बजे तक अंबेडकर स्टैचू परिसर में आयोजित अंबेडकर बुक रीडिंग" की सूचना के संबंध में नोटिस जारी कर कहा था कि, महोदय (प्रोफेसर एल. कारुण्यकरा) आप द्वारा दिनांक 3 जनवरी 2024 को पत्र के माध्यम से अंबेडकर स्टैचू परिसर में दिनांक 4 जनवरी 2024 को अपराह्न 6 से 7 बजे तक अंबेडकर बुक रीडिंग की सूचना या जानकारी प्रेषित की गई है। उक्त के संबंध में सूचित किया जाता है कि अंबेडकर बुक रीडिंग का आयोजन विभाग या केंद्र के लिए आवंटित कक्षाओं में करना ज्यादा उचित होगा। अंबेडकर स्टैचू के सामने जमीन पर बैठकर अंबेडकर बुक रीडिंग का आयोजन सुरक्षा, विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा एवं विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उचित प्रतीत नहीं होता है और ना ही आपने विश्वविद्यालय प्रशासन से इसकी अनुमति ली है। इस संबंध में तत्काल अपना पक्ष अधोहस्ताक्षरी को प्रेषित करने का कष्ट करें।