माहात्म्य-2 भक्ति का दुख दूर करने के लिए नारद जी का उदद्योग नारद जी ने कहा- बाले! तुम व्यर्थ ही अपने को क्यों खेद में डाल रही हो? अरे! तुम इतनी चिन्तातुर क्यों हो? भगवान श्रीकृष्ण के चरण कमलों का चिंतन करो। उनकी कृपा से तुम्हारा सारा दुख दूर हो जाएगा।