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Friday, Oct 18, 2024,

Today Special / Birthday / India / Maharashtra / Nagpur
मुगलों के राज्य में हिन्दू साम्राज्य स्थापित करने वाले एक मात्र राजा थे छत्रपति शिवाजी महाराज

By  / Public Reporter
Fri/Feb 19, 2021, 12:50 PM - IST   0    0
छत्रपति शिवाजी महाराज
  • आज पूरा देश शिवाजी महाराज की जयंती मना रहा है।
Nagpur/

"साजि चतुरंग सैन अंग में उमंग धरि, सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत है"- शिव गण + हैन्दव धर्मोद्धारक +हिंद स्वराज के जनक +मुगलों के लिए यमराज- शिवाजी महाराज.. महा महारथी छत्रपति शिवाजी महाराज के अवतरण दिवस पर शत् शत् नमन है।

जीवन परिचय

छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्‍म 19 फरवरी, 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। शिवजी उर्फ छत्रपति शिवाजी महाराज (1630- 1680) भारतीय शाषक और मराठा सम्राज्य के संस्थापक थे। उनका बचपन संतो तथा महाभारत, रामायण की कहानियां और सत्संग में बिता । सन 1674 में रायगढ़ में उनका राज्यभिषेक हुआ ओर वह 'छत्रपती' बने। अच्छी संगठन शक्ति का होना- शिवाजी ने बिक्री हुए मराठाओं  को इक्कठा करके उनकी शक्ति को एक जुट कर एक महान मराठा राज्य की स्थापना की।

आज्ञाकारी एवं वीर सैनिक शिवाजी

वीर सैनिक-शिवाजी जैसे वीर भारत देश में बहुत कम हुए हैं, आज भी उनकी वीरता की कहानियां लोगो के उत्साह को बढ़ा देती हैं। महान मार्गदर्शक -शिवाजी ने मुगलों के राज्य में हिन्दू साम्राज्य स्थापित करने वाले एक मात्र राजा थे , उन्होंने केवल मराठाओं को ही नहीं वल्कि सभी भारतवासियो को भी नयी दिशा दिखाई। आज्ञाकारी पुत्र और शिष्य- कहा जाता है शिवाजी को, वे अपनी माता की हर आज्ञा का पालन करते थे।  जिन वीरों ने अपनी असाधारण वीरता, त्याग और बलिदान से भारतभूमि को धन्य किया है, उनमें वीर शिवाजी का नाम अग्रगण्य है। मातृभूमि भारत की स्वतन्त्रता एवं गौरव के रक्षक वीर शिवाजी एक साहसी सैनिक, दूरदर्शी इंसान, सतर्क व सहिष्णु देशभक्त थे। उनकी चारित्रिक श्रेष्ठता, दानशीलता के अनेक उदाहरण गौरवगाथा के रूप में मिलते हैं। वे महाराष्ट्र के ही नहीं, समूची मातृभूमि के सेवक थे। वे हिन्दुत्व के नहीं, राष्ट्रीयता के पोषक रहे थे। भारत के महान रणनीतिकार के रूप में भी शिवाजी को देखा जाता है। भारतीय आजादी के आंदोलन में बहुत से लोगों ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवनचरित से प्रेरणा लेकर भारत की स्‍वतन्‍त्रता के लिए अपना तन, मन, धन, न्‍यौछावर कर दिया। शिवाजी एक धर्मपरायण हिन्‍दू शासक के साथ वे धार्मिक सहिष्‍णु भी थे। उनके साम्राज्‍य में मुसलमानों को भी धार्मिक स्‍वतंत्रता थी। शिवाजी हिन्‍दू संस्‍कृति को बढ़ावा देते थे। शिवाजी महाराज अपने अभियानों की शुरूआत प्राया: दशहरा के दिन करते थे।

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