Mumbai/कानपुर/उच्च शिक्षा विभाग ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से नवंबर 2023 में साथी (स्व-मूल्यांकन, परीक्षण और प्रवेश परीक्षा के लिए सहायता) पोर्टल शुरू किया था, ताकि छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले सहित देश भर के छात्रों को जेईई, एनईईटी, एसएससी जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक समान पहुँच प्रदान की जा सके।
मुंबई/हिंदी भाषा एवं साहित्य की अभिवृद्धि एवं समृद्धि के लिए सतत कार्यरत महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी, मुंबई की सराहनीय गतिविधियों की श्रृंखला में एक और सार्थक कड़ी जुड़ गई है। इसके अंतर्गत अकादमी द्वारा बी. के. बिड़ला महाविद्यालय, कल्याण एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित दो दिवसीय नव लेखक शिविर एवं प्रशिक्षण वर्ग कार्यक्रम रविवार, 28 जुलाई, 2024 को सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ।
इस महत्वपूर्ण आयोजन में हिन्दी और मराठी के प्रसिद्ध लेखकों द्वारा दोनों भाषाओं के शोधार्थियों एवं नवलेखकों को साहित्य सृजन की प्रक्रियाओं से अवगत कराया गया। इस शिविर का उदघाटन बिड़ला महाविद्यालय के शिक्षा निदेशक डॉ. नरेश चन्द्र, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, दिल्ली के संगठन मंत्री श्रीधर पराडकर, डॉ. बाबा साहेब आम्बेडकर रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, पुणे के महा संचालक सुनील वारे और महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे की गरिमापूर्ण उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। प्राचार्य डॉ. अविनाश पाटील द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया।आयोजन के संयोजक डॉ. श्यामसुंदर पाण्डेय ने इस सत्र का संचालन किया और प्रवीण देशमुख ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विशेष अतिथियों के रूप में डॉ. नरेंद्र पाठक, नितिन केलकर, डॉ. बलिराम गायकवाड़, प्रभारी कुल सचिव, मुंबई विश्वविद्यालय तथा सम्भाजी नगर से डॉ. भारती गोरे, डॉ. शशिकांत घासकडवी, डॉ. पुरुषोत्तम पाटील, डॉ. विजय लोहार और डॉ. राहुल मिश्र आदि की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही। चार सत्रों में विभाजित इस शिविर में हिन्दी और मराठी के 150 से अधिक लेखक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे और सभी सत्रों में अलग- अलग विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। इन सत्रों के मुख्य वक्ताओं में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के महामंत्री ऋषिकुमार मिश्र एवं महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्यकारी सदस्य डॉ. दिनेश प्रताप सिंह मुख्य रूप से शामिल रहे। शिविर के अंत में कवि सम्मलन में शामिल 30 से अधिक कवियों ने अपनी सुन्दर प्रस्तुति से लोगों की वाहवाही लूटी। इन कवियों में प्राजक्ता कुलकर्णी, संजय द्विवेदी, नितिन केलकर, सुमिता भोसले, सुनील म्हसकर, दीनानाथ पाटील, मीनल वसमतकर, नंदा कोकाटे, कल्पना देशमुख, चन्द्रिका प्रसाद मिश्र, रामप्यारे सिंह ‘रघुवंशी’ और प्रवीण पवार आदि मुख्य रूप से शामिल रहे। यह आयोजन डॉ. हरीश दुबे, डॉ. महादेव यादव, डॉ. बालकवि सुरंजे, डॉ. सीताराम म्हस्के, डॉ. ग्रीष्म खोब्रागडे, डॉ. समझदार सहित रुपेश पाटील, अखिलेश, प्रीति सावले, मिताली सावंत और कविता आदि प्राध्यापकों के सक्रिय सहयोग से सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मराठी के प्रसिद्ध लेखक जनार्दन ओक, प्रमोद बापट, नीलाम्बरी बापट, मदन उपाध्याय, रामप्यारे सिंह ‘रघुवंशी’ और चन्द्रिका प्रसाद मिश्र जैसे वरिष्ठ कवियों का सम्मान भी हुआ। साथ ही युवा लेखक प्रवीण पाटील की पुस्तक ‘ऑनलाइन प्रेमाची ऑफ़ लाइन कहानी’ का लोकार्पण भी हुआ।