- 38 देशों में तेल एवं गैस से लेकर बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवा तक के कारोबार चलाते हैं।
- हिंदुजा परिवार की कुल संपत्ति करीब 20 अरब डॉलर है।
नई दिल्ली/ब्रिटेन का सबसे धनी भारतीय मूल का हिंदुजा परिवार गलत कारणों से एक बार फिर सुर्खियों में सामने आया। परिवार के कुछ सदस्यों को स्विटजरलैंड स्थित उनके जिनेवा विला में भारतीय कर्मचारियों का शोषण करने के मामले में लगभग चार साल की जेल की सजा का सामना करना पड़ सकता है। एक स्विस अदालत ने परिवार के चार सदस्यों को अवैध रूप से लोगों को काम पर रखने का दोषी पाया है। अब परिवार के चार सदस्यों को चार से साढ़े चार साल तक की सजा हो सकती है। परिवार ने फिलहाल अदालत के फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी है। इस पूरे अदालती प्रकरण में परिवार पर जो आरोप लगे हैं वे काफी गंभीर हैं।
अदालत में परिवार पर आरोप लगे हैं कि कर्मचारियों के साथ अमानवीय व्यवहार करते हुए उन्हें मामूली वेतन के एवज में रोजना 17 से 18 घंटे काम करने के लिए मजबूर किया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार परिवार के सदस्यों ने अपने पालतू कुत्तों पर साल में जितना खर्च किया उससे भी कम पैसे अपने घरेलू सहायकों को वेतन के रूप में दिए। अदालत ने इस मामले में हिंदुजा बंधुओं को 'स्वार्थी' करार दिया।
अदालत ने प्रकाश हिंदुजा और उनकी पत्नी कमल हिंदुजा को चार-चार साल और छह महीने जेल की सजा सुनाई जबकि उनके बेटे अजय और नम्रता को चार-चार साल की सजा सुनाई। हालांकि, अदालत ने उन्हें मानव तस्करी के अधिक गंभीर आरोप से बरी कर दिया। हिंदुजा परिवार की कुल संपत्ति करीब 20 अरब डॉलर है और वे 38 देशों में तेल एवं गैस से लेकर बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवा तक के कारोबार चलाते हैं।
इंडसइंड बैंक और अशोक लीलैंड जैसे नामी ब्रांड्स का स्वामित्व रखने वाला हिंदुजा परिवार के कुछ सदस्यों पर अभियोजकों ने आरोप लगाया कि हिंदुजा बंधुओं में से एक और उनके परिवार ने कर्मचारियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया। इन कर्मचारियों को भारत से जिनेवा स्थित पारिवारिक विला में घरेलू सहायिका के तौर पर काम करने के लिए ले जाया गया था।
अभियोजकों का आरोप- कर्मचारियों का पासपोर्ट भी जब्त किया गया
मुकदमे के दौरान अभियोजकों ने आरोप लगाया था कि हिंदुजा बंधुओं ने अपने कर्मचारियों को एक दिन में 18 घंटे तक काम करने के लिए केवल 8 डॉलर (660 रुपये) का भुगतान किया। यह राशि स्विस कानून द्वारा अनिवार्य वेतन के दसवें हिस्से से भी कम था। अभियोजकों ने आरोप लगाया था कि परिवार ने अपने कर्मचारियों के पासपोर्ट भी जब्त कर लिए थे और विला के बाहर निकलने की अनुमति भी शायद ही कभी दी गई।
हिंदुजा बंधुओं ने आरोपों से इनकार किया था और कहा था कि उनके कर्मचारी स्वतंत्र रूप से विला छोड़ सकते हैं और उन्हें पर्याप्त लाभ मिल सकते हैं। बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि कर्मचारी "उन्हें बेहतर जीवन की पेशकश" देने के लिए हिंदुजा के "आभारी" थे। परिवार ने एक बयान में कहा कि वे फैसले से 'स्तब्ध' हैं और उन्होंने ऊपरी अदालत में चुनौती दी है।
उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि परिवार ने अपने नौकरों की तुलना में अपने कुत्ते पर अधिक खर्च किया। स्विस अभियोजक यवेस बर्टोसा ने कहा था कि उनका खर्च हर साल अपने कुत्ते पर लगभग 8,584 स्विस फ्रैंक (8 लाख रुपये) था, जबकि उनके कुछ कर्मचारी प्रति दिन केवल 7 स्विस फ्रैंक (660 रुपये) के लिए सप्ताह के सातों दिन 18 घंटे तक काम कराते थे।