- कानून रद्द करने और एमएसपी कानून की मांग पर कायम
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के 57वें दिन गुरुवार मैराथन बैठकों का दौर चला। पहले पुलिस के साथ किसानों ने 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड को लेकर चर्चा की। इसके बाद सरकार के नए प्रस्ताव पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने लंबी बैठक की। दोपहर से शुरू हुई किसानों की बैठकें देर रात तक चलती रहीं। देर शाम संयुक्त मोर्चा ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। सरकार ने बुधवार को अपने प्रस्ताव में तीनों कानूनों को डेढ़ साल तक रोकने की बात कही थी। सरकार के प्रस्ताव को खारिज करने की जानकारी देने के बाद देर रात तक किसान नेताओं की बैठक चलती रही। इस दौरान किसान नेताओं में दो मत दिखाई दिए। कुछ किसान संगठन कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े थे। वहीं कुछ ने बीच का रास्ता अपनाने की बात कही। किसान नेताओं में यह भी चर्चा हुई कि शुक्रवार को सरकार के साथ बातचीत में किसानों की और से एक नया प्रस्ताव दिया जाए।
ट्रैक्टर परेड के लिए पुलिस ने नहीं परमिशन
पुलिस और किसान नेताओं में गुरुवार की दोपहर को 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड को लेकर मीटिंग हुई। बैठक का समन्वय संयुक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी क्षेत्र) एसएस यादव ने किया। इसमें किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया कि वो आउटर रिंग रोड पर ही परेड निकालेंगे, लेकिन पुलिस ने आउटर रिंग रोड पर इजाजत देने से मना कर दिया। पुलिस ने किसानों को केएमपी और केजीपी का विकल्प दिया, लेकिन किसान नेता नहीं माने। अब शुक्रवार को पुलिस और किसान नेताओं में फिर से बैठक होगी। वहीं किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड में झांकियां भी दिखेंगी। हर ट्रैक्टर पर तिरंगा झंडा व किसान संगठनों के झंडे लगाए जाएंगे। इस परेड को देखने के लिए आम जनता को भी न्योता दिया गया है। दिल्ली में होने वाली किसानों की ट्रैक्टर परेड गणतंत्र दिवस की शान को और ऊंचा करेगी।
कोर्ट समिति के पास नहीं पहुंचा कोई किसान संगठन
सुप्रीम कोर्ट की गठित समिति की भी बैठक हुई। समिति के सदस्य दिल्ली स्थित पूसा इंस्टीटयूट में आंदोलन कर रहे किसान संगठनों को बुलाया, लेकिन कोई किसान संगठन मिलने के लिए नहीं पहुंचा। उत्तर प्रदेश से तौर किसान संगठन का एक नेता अकेले पहुंचा, जिसका नाम अजय अनमोल बताया गया। समिति के सदस्य काफी इंतजार के बाद वहां से चले गए। अब जल्द ही समिति के सदस्य बताएंगे कि वे किसानों से मीटिंग के लिए एक और समय देंगे या खुद आंदोलन स्थल पर जाकर बात करेंगे।
अलग हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा बना
देशभर के किसान संगठनों का आंदोलन के लिए एक संयुक्त किसान मोर्चा बना हुआ है, लेकिन गुरुवार को टिकरी बॉर्डर पर बैठक करके किसानों ने अलग से हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा का गठन किया है। इसमें करीब 15 किसान संगठनों ने भाग लिया। बैठक में गुरनाम सिंह चढूनी को सर्व-सम्मति से अध्यक्ष बनाया गया। बैठक में कृषि कानूनों पर प्रस्ताव भी पास किए गए। चढूनी ने केंद्र सरकार के प्रस्ताव को छलावा बताया। कहा कि सरकार 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड टालने के लिए ऐसा प्रस्ताव लेकर आई है, जिससे किसानों को गुमराह किया जा सके।