"बुद्धि, विद्या, ज्ञान और वाणी की अधिष्ठात्री देवी-माता सरस्वती" "प्रणो देवी सरस्वती वाजेभिर्वजिनीवती धीनानामणित्रयवतु" "ऋग्वेद" अर्थात् ये परम चेतना है। सरस्वती के रुप में ये हमारी प्रज्ञा तथा मनोवृत्तियों की संरक्षिका हैं। हम में जो मेधा है, उसका आधार भगवती सरस्वती...
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