जल के देवता हमारे लिए मंगलकारी रहें। भारतीय नौसेना को मिला नया ध्वज। भारतीय नौसेना को यशस्वी प्रधानमंत्री श्रीयुत नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नया ध्वज प्राप्त हुआ और औपनिवेशिक रायल नेवी का अंतिम प्रतीक ध्वस्त हो गया। ध्वज का अनावरण कोच्चि में स्वदेशी विमान वाहक – 1 (आई.ए.सी.) को 'आई. एन. एस. विक्रांत को नौसेना में सम्मिलित करने के दौरान हुआ है। एक सेंट जार्ज के क्रास को दर्शाने वाली लाल पट्टी को अब छत्रपति शिवाजी महाराज की राजकीय मुहर के निशान से बदला गया है। नए ध्वज के ऊपरी कोने पर भारत के राष्ट्रीय तिरंगे झंडे और अशोक के चिन्ह को यथास्थिति रखा गया है। छत्रपति शिवाजी महाराज की राजकीय मुहर को नीले और सोने के अष्टकोण के साथ दर्शाया गया है। यद्यपि परम श्रद्धेय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय 2001 में इसे बदला गया था, परंतु सन् 2004 में पुनः ध्वज मूल स्वरुप में आ गया था।
वह था औपनिवेशिक रायल नेवी का ध्वज जिसे ध्वस्त किया गया। एक सफेद पृष्ठभूमि पर रेड क्रॉस को सेंट जॉर्ज क्रॉस के रूप में प्रदर्शित किया जाता है, इसका नाम एक ईसाई योद्धा के नाम पर रखा गया है, जो ईसाईयों के तृतीय धर्मयुद्ध में शामिल एक वीर योद्धा था। यह क्रॉस इंग्लैंड के ध्वज के रूप में भी कार्य करता है जो यूनाइटेड किंगडम का एक घटक है। इसे इंग्लैंड और लंदन शहर ने वर्ष 1190 में भूमध्य सागर में प्रवेश करने वाले अंग्रेजी जहाज़ों की पहचान करने के लिये अपनाया था।
अधिकांश राष्ट्रमंडल देशों ने अपनी स्वतंत्रता के समय रेड जॉर्ज क्रॉस को बरकरार रखा है, हालाँकि कई देशों ने वर्षों से अपने संबंधित नौसैनिकों पर रेड जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया है। उनमें से प्रमुख हैं ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और कनाडा। कल 2 सितंबर 2022 को भारत ने भी इस दासता के प्रतीक से मुक्ति प्राप्त कर ली।
साभार
डॉ. आनंद सिंह राणा
विभागाध्यक्ष, इतिहास विभाग, श्रीजानकीरमण महाविद्यालय जबलपुर एवं
उपाध्यक्ष- इतिहास संकलन समिति महाकोशल प्रांत।