×
userImage
Hello
 Home
 Dashboard
 Upload News
 My News
 All Category

 Latest News and Popular Story
 News Terms & Condition
 News Copyright Policy
 Privacy Policy
 Cookies Policy
 Login
 Signup

 Home All Category
Tuesday, Dec 3, 2024,

Today Special / Day Wishes / India / Madhya Pradesh / Jabalpur
सनातन धर्म की विरासत-

By  FifthNews Team
Fri/Oct 22, 2021, 08:39 AM - IST   0    0
  • सनातन धर्म की विरासत- "करवा चौथ" महाव्रत'- अमर प्रेम, समर्पण, पति की विजय और दीर्घायु, पारिवारिक समरसता और शक्ति के सामर्थ्य का महाव्रत, महापर्व "करवा चौथ"।
  • भगवान् शिव ने माता पार्वती को इस महान् व्रत के माहात्म्य को बताया है इसके साथ ही अन्य कथाएं भी प्रचलित हैं.. सास माँ आज आत्मीय भाव से बहू को सरगी देती है जो दोनों के रिश्तों को वात्सल्य रस से भर देता है।
  • भारतीय संस्कृति में पानी को ही परब्रह्म माना गया है, क्योंकि जल ही सब जीवों की उत्पत्ति का केंद्र है। इस तरह मिट्टी के करवे से पानी पिलाकर पति पत्नी अपने रिश्ते में पंच तत्व और परमात्मा दोनों को साक्षी बनाकर अपने दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाने की कामना करते हैं।
Jabalpur/

जबलपुर/सनातन धर्म की विरासत- "करवा चौथ" महाव्रत'- अमर प्रेम, समर्पण, पति की विजय और दीर्घायु, पारिवारिक समरसता और शक्ति के सामर्थ्य का महाव्रत, महापर्व "करवा चौथ"  देवासुर संग्राम में परम पिता ब्रम्हा ने देवताओं की विजय और दीर्घायु के लिए देवियों को इस व्रत का विधान बताया। सावित्री ने सत्यवान के लिए इस व्रत को रखा। भगवान् श्रीकृष्ण ने द्रोपदी को अर्जुन के लिए इस व्रत को रखने के लिए वृत्तांत बताया। भगवान् शिव ने माता पार्वती को इस महान् व्रत के माहात्म्य को बताया है इसके साथ ही अन्य कथाएं भी प्रचलित हैं.. सास माँ आज आत्मीय भाव से बहू को सरगी देती है जो दोनों के रिश्तों को वात्सल्य रस से भर देता है। मिट्टी का करवा (पात्र) का विशेष महत्व है यह करवा देवी और चौथ देवी का प्रतीक है। मिट्टी का करवा पंच तत्व का प्रतीक है, मिट्टी को पानी में गला कर बनाते हैं जो भूमि तत्व और जल तत्व का प्रतीक है, उसे बनाकर धूप और हवा से सुखाया जाता है जो आकाश तत्व और वायु तत्व के प्रतीक हैं फिर आग में तपाकर बनाया जाता है।

भारतीय संस्कृति में पानी को ही परब्रह्म माना गया है, क्योंकि जल ही सब जीवों की उत्पत्ति का केंद्र है। इस तरह मिट्टी के करवे से पानी पिलाकर पति पत्नी अपने रिश्ते में पंच तत्व और परमात्मा दोनों को साक्षी बनाकर अपने दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाने की कामना करते हैं।  अयुर्वेद में भी मिट्टी के बर्तन में पानी पीने को फायदेमंद माना गया है इस कारण वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह उपयोगी है।

भगवान् शिव, पार्वती, कार्तिकेय, श्रीगणेश, चंद्रमा की पूजा का विधान है। और चंद्रमा को अर्घ्य देकर परायण और छलनी ने सभी राग- द्वेष छान दिए हैं अब केवल निर्मल प्रेम ही शेष है, हर हर महादेव। 

सभी आत्मीय जनों को करवा चौथ महाव्रत- महापर्व की अनंत कोटि शुभकामनायें।

साभार

डॉ. आनंद सिंह राणा

श्रीजानकीरमण महाविद्यालय एवं इतिहास संकलन समिति महाकोशल प्रांत।

By continuing to use this website, you agree to our cookie policy. Learn more Ok