×
userImage
Hello
 Home
 Dashboard
 Upload News
 My News
 All Category

 Latest News and Popular Story
 News Terms & Condition
 News Copyright Policy
 Privacy Policy
 Cookies Policy
 Login
 Signup

 Home All Category
Friday, Oct 18, 2024,

National / Hot Issue / India / Uttar Pradesh / Varanasi
वाराणसी के घाटों पर “सफाई अपनाओ, बीमारी भगाओ” अभियान

By  AgcnneduNews...
Fri/Aug 23, 2024, 09:19 AM - IST   0    0
  • मानसून में वाराणसी के घाटों पर दिख रहा “सफाई अपनाओ, बीमारी भगाओ” (SABB) अभियान का प्रभाव।
  • महिलाओं ने कपड़ों से झोले बनाकर रोजगार पाया और साथ ही शहर को प्लास्टिक से मुक्त करने के अभियान में सक्रिय भूमिका भी निभाई।
Varanasi/

वाराणसी/वाराणसी के घाटों पर विभिन्न पावन अवसरों पर लाखों लोग स्नान करने आते हैं और स्नान के बाद अपने वस्त्र घाट पर छोड़ देते हैं। घाट पर स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) ने स्वच्छ भारत मिशन 2.0 (SBM) के अंतर्गत कई अच्छे पहल की नींव रखी। जिसके अंतर्गत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, प्रयुक्त जल प्रबंधन, फीकल स्लज मैनेजमेंट जैसी कई चुनौतियों का निपटारा किया गया है। मानसून के दौरान घाट पर नगर निगम द्वारा सफाई अभियान का दौर तेज रफ्तार पकड़ चुका है। वाराणसी में गंदगी और घाट पर पड़े हुए वेस्ट कपड़ों की समस्या बीते कुछ सालों में जटिल हो गई थी।

इस समस्या को कई वर्षों तक वाराणसी नगर निगम द्वारा साधारण तरीके (घाट से कपड़ों के एकत्रित कर नाव की सहायता से लैंडफिल साइट/प्रोसेसिंग साईट पर  पहुंचा कर इनका ब्रेकडाउन कर निस्तारण किया जाता था) से निपटाया जा रहा था लेकिन समस्या की जटिलता और समय की मांग को देखते हुए वाराणसी नगर निगम ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए इन कपड़ों को रीयूज़ करने का और वाराणसी शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने का निर्णय लिया। निगम के इस एक तीर से दो निशाने साधने के कार्य को कुशलता से करने के लिए होप वेलफेयर ट्रस्ट (Hope Welfare Trust) ने स्थानीय महिलाओं को इस कार्य से जोड़ कर एक नई पहल की शुरुआत की।

अब घाट से प्राप्त कपड़ों को सैनेटाइज़ कर पुनः उपयोग करने के लिए तैयार किया जाने लगा। इन छोड़े गए कपड़ों को पुनः उपयोगी बनाने के लिए झोलों में बदलने का कार्य निरंतर किया जा रहा है। इस अभियान में जुड़ी महिलाओं का विशेष योगदान रहा। उन्होंने इन कपड़ों से झोले बनाकर रोजगार पाया और साथ ही शहर को प्लास्टिक से मुक्त करने के अभियान में सक्रिय भूमिका भी निभाई।

इस प्रभावशाली पहल से जुड़ी सीमा बताती हैं कि इस पहल से महत्वाकांक्षी महिलाओं को उद्यम भी मिल रहा है और साथ ही वेस्ट मैनेजमेंट के गुर भी सीखने का मौका प्राप्त हो रहा है। इन महिलाओं को सिलाई के इस कार्य से जोड़ कर न केवल एक उपकरण मिल रहा है बल्कि उन्हें आजीविका और अपने परिवारों का समर्थन करने का एक साधन भी प्राप्त हो रहा है। इन महिला उद्यमियों को अपने कौशल को स्थायी आय में बदलकर, अपने लिए भविष्य तैयार करने का अधिकार दिया गया है। मासिक आय से ये महिलाएं अपने परिवार को आर्थिक सहायता देते हुए अपने आत्म सम्मान के स्तर को भी ऊपर उठा रही हैं।

नगर निगम वाराणसी ने इस पहल को सफलता पूर्वक व्यवहार में लाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन भी किया। जिसका नेतृत्व प्रवर्तन अधिकारी कर्नल संदीप शर्मा ने किया। कर्नल संदीप शर्मा और उनकी टीम ने बाजार में छापेमारी कर कई टन प्लास्टिक बैग को सील किया और साथ ही व्यापारियों को कपड़े के थैले भी मुहैया कराए। अब तक इस अभियान के तहत 15,000 झोलों का वितरण किया जा चुका है। वाराणसी नगर निगम अपने एक लाख थैले बना कर वितरण करने के लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर है।

इस पहल का उद्देश्य न केवल शहर को वेस्ट कपड़ों से मुक्त करना था, बल्कि इसे प्लास्टिक मुक्त भी करना था। वाराणसी नगर निगम द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान सिर्फ शुरुआती दौर में ही कारगर नहीं है यह पूरे वर्ष जारी रखा जाएगा, ताकि काशी को संपूर्ण रूप से प्लास्टिक मुक्त किया जा सके।

By continuing to use this website, you agree to our cookie policy. Learn more Ok