- भरत मुनि शोध केंद्र के अंतर्गत लघु शोध कार्य के लिए छात्रों को फेलोशिप भी प्रदान किया जाएगा।
मोतिहारी/महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के नव गठित आचार्य भरत मुनि संचार शोध केंद्र में मीडिया अध्ययन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. साकेत रमण को सह समन्वयक बनाया गया है। विश्वविद्यालय के ओएसडी डॉ. पदमाकर मिश्रा द्वारा इस बाबत पत्र जारी किया गया है। कुलपति प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा ने बताया कि अभी तक विश्वविद्यालय में कुल 11 शोध केंद्र स्थापित किए गए हैं और आचार्य भरत मुनि के नाम पर स्थापित केंद्र स्वयं ही अपनी विशिष्टता सिद्ध करेगा।
कुलपति ने शोध केंद्र के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत कुमार समेत समन्वयक व सह समन्वयक को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। यह शोध केंद्र मीडिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत कुमार के मार्गदर्शन में कार्य करेगा। भारतीय प्राचीन संचार व्यवस्था के संवर्धन को लेकर इस शोध केंद्र की रूपरेखा एवं प्रस्ताव डॉ. रमण ने दिया था। डॉ. रमण ने बताया कि शोध केंद्र द्वारा दो शोधार्थियों को पीएचडी कराया जाएगा व भारतीय प्राचीन संचार संबंधी लघु शोध कार्य के लिए फेलोशिप भी प्रदान की जाएगी। साथ ही केंद्र विविध फंडिंग एजेंसीज से प्राप्त प्रोजेक्ट पर भी शीघ्र ही कार्य प्रारंभ करेगा। इसका प्रस्ताव तैयार किया का रहा है। शोध केंद्र ईस्टर्न कम्युनिकेशन फिलॉस्फी पर रिसर्च जर्नल भी प्रकाशित करने की योजना पर कार्य कर रहा है।
वरिष्ठ संचार शास्त्री डॉ. रमण मुजफ्फरपुर जिले के निवासी हैं। भारतीय प्राचीन संचार पर उनकी पुस्तक भारतीय संचार दर्शन एक नई दृष्टि 2016 में प्रकाशित हो चुकी है। इस विषय पर डॉ. रमण के करीब 10 शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका में प्रकाशित हो चुके हैं। वर्ष 2020 में डॉ. रमण के निर्देशन में कठोपनिषद के संचार सिद्धांत पर असम की एक छात्रा ने अपनी एमफिल शोध उपाधि प्राप्त की है। डॉ. रमण को शोध केंद्र का सह समन्वयक बनाए जाने पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों में खुशी की लहर है।