Rānikhet/उत्तराखंड/रानीखेत उत्तराखंड राज्य के अल्मोड़ा जिले में स्थित एक सुंदर हिल स्टेशन है जो समुद्र तल से लगभग 1,869 मीटर (6,132 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है। देवदार और बलूत के वृक्षों से घिरा हुआ रानीखेत अपनी प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का मौसम साल भर सुहावना रहता है और यहाँ से हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है। स्थानीय कथाओं के अनुसार, रानीखेत की खोज राजा सुखरदेव की पत्नी रानी पद्मिनी द्वारा की गई थी। जब रानी पद्मिनी ने रानीखेत को देखा तो इसके सौंदर्य से इतनी प्रभावित हुईं कि राजा सुखरदेव ने उनके लिए यहाँ एक महल बनवाया। इसीलिए इस स्थान का नाम "रानीखेत" पड़ा, जिसका अर्थ है "रानी का खेत"।
रानीखेत का इतिहास समृद्ध और रोचक है, जो विभिन्न साम्राज्यों और शासकों के अधीन रहा है। रानीखेत का प्राचीन इतिहास काफी अस्पष्ट है, लेकिन यह क्षेत्र प्राचीन काल से ही विभिन्न जनजातियों और साम्राज्यों के अधीन रहा है। कुमाऊं क्षेत्र, जिसमें रानीखेत स्थित है, प्राचीन काल में कुमाऊंनी जनजातियों का निवास स्थान था। मध्यकाल में यह क्षेत्र कत्यूरी राजाओं के अधीन था। 7वीं से 11वीं शताब्दी तक कत्यूरी राजा ने कुमाऊं क्षेत्र पर शासन किया। इस दौरान उन्होंने यहाँ कई मंदिरों का निर्माण कराया। कत्यूरी राजाओं के पतन के बाद यह क्षेत्र चंद राजवंश के अधीन आ गया, जिन्होंने 11वीं से 18वीं शताब्दी तक शासन किया। 19वीं शताब्दी के मध्य में रानीखेत का महत्व बढ़ा जब इसे ब्रिटिश शासन के दौरान एक सैन्य छावनी के रूप में विकसित किया गया। 1869 में, ब्रिटिश सरकार ने इस स्थान पर कुमाऊं रेजीमेंट का मुख्यालय स्थापित किया और इस जगह को अपने सैनिकों के लिए एक स्वस्थ और सुंदर हिल स्टेशन के रूप में स्थापित किया। यहाँ के शांत और ठंडे वातावरण ने इसे एक लोकप्रिय ग्रीष्मकालीन स्थल बना दिया। स्वतंत्रता के बाद रानीखेत ने अपनी विशिष्टता और शांति को बनाए रखा है। यह स्थान पर्यटन के लिए लोकप्रिय है और यहाँ पर भारतीय सेना की कुमाऊं रेजिमेंट का मुख्यालय भी स्थित है। आज रानीखेत अपने प्राकृतिक सौंदर्य, हरे-भरे जंगलों और हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों के नज़ारों के लिए प्रसिद्ध है।
रानीखेत के प्रमुख आकर्षण:
रानीखेत एक खूबसूरत हिल स्टेशन है जहां पर घूमने के लिए कई आकर्षक स्थल हैं। जैसे-
- झूलादेवी मंदिर: देवी दुर्गा को समर्पित यह मंदिर रानीखेत के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर 700 साल पुराना है जो अपनी घंटियों के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें भक्तगण अपनी प्रार्थना के पूरा होने पर बाँधते हैं।
- चौबटिया गार्डन: यह बागान विभिन्न प्रकार के फलों और फूलों के पौधों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ से हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों का शानदार दृश्य भी देखा जा सकता है।
- उपाट गोल्फ कोर्स: यह भारतीय सेना द्वारा संचालित एक सुंदर गोल्फ कोर्स है जहां का हरा-भरा वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य बहुत ही आकर्षक है। यहाँ की एंट्री फीस 150 रुपए है। ये 9 होल वाला गोल्फ कोर्स एशिया का सबसे बड़ा गोल्फ कोर्स है। अगर आप इस गेम में रुचि रखते हैं, तो यहां कुछ अच्छा समय बिता सकते हैं।
- कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर संग्रहालय: यह संग्रहालय कुमाऊं रेजिमेंट के इतिहास और उनके योगदान को दर्शाता है। यहाँ पर विभिन्न युद्धों के स्मारक और उपकरण भी प्रदर्शित किए गए हैं।
- मझखली: यह स्थान रानीखेत से लगभग 13 किलोमीटर दूर स्थित है और यहाँ से हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों का अद्भुत दृश्य देखा जा सकता है।
- बिनसर महादेव मंदिर: यह एक प्राचीन मंदिर है जहां पर भगवान शिव की पूजा की जाती है। यह मंदिर अपने शांत वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है।
- कालीका: कालीका में काली देवी का एक प्राचीन मंदिर है और यहाँ का शांत वातावरण और हरियाली पर्यटकों को बहुत पसंद आता है।
- चिलियानौला: यह रानीखेत से लगभग 4 किलोमीटर दूर स्थित है और यहाँ से हिमालय की चोटियों का शानदार दृश्य देखा जा सकता है।
- सुनाखान: यह स्थान अपने हरे-भरे जंगलों और शांति के लिए जाना जाता है। यहाँ पर ट्रेकिंग और कैम्पिंग का आनंद लिया जा सकता है।
- हैड़ाखान बाबा आश्रम: यह आश्रम हैड़ाखान बाबा को समर्पित है। यहाँ पर भक्तगण ध्यान और योग का अभ्यास करते हैं।
- टिप एन टॉप: यह एक पिकनिक स्थल है जहाँ से हिमालय का मनमोहक दृश्य देखा जा सकता है। यहाँ पर पर्यटक प्रकृति की गोद में समय बिताना पसंद करते हैं।
रानीखेत में करें ये गतिविधियाँ:
- ट्रेकिंग और हाइकिंग: रानीखेत और इसके आसपास के क्षेत्र ट्रेकिंग और हाइकिंग के लिए आदर्श हैं। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव करने के लिए आप विभिन्न ट्रेल्स पर जा सकते हैं।
- कैम्पिंग: रानीखेत में कई सुंदर स्थान हैं जहाँ आप कैम्पिंग का आनंद ले सकते हैं। यहाँ का शांत वातावरण और हरियाली कैम्पिंग के लिए उपयुक्त है।
- बर्ड वॉचिंग: रानीखेत के जंगल और बागान विभिन्न प्रकार के पक्षियों का घर हैं। यहाँ पर बर्ड वॉचिंग का भी आनंद लिया जा सकता है।
कैसे पहुंचे रानीखेत:
रानीखेत उत्तराखंड में स्थित एक प्रमुख हिल स्टेशन है जहां पहुँचने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग के माध्यम से रानीखेत पहुँच सकते हैं।
- सड़क मार्ग: रानीखेत सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप निजी वाहन या बस के माध्यम से आसानी से यहाँ पहुँच सकते हैं। दिल्ली से रानीखेत की दूरी लगभग 360 किलोमीटर है जो 8-9 घंटे में तय की जा सकती है। उत्तराखंड राज्य परिवहन की बसें रानीखेत के लिए नियमित रूप से चलती हैं। दिल्ली, देहरादून, नैनीताल और अन्य प्रमुख शहरों से रानीखेत के लिए सीधी बसें उपलब्ध हैं। सड़क मार्ग से यात्रा करते समय आप सुंदर पहाड़ी दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
- रेल मार्ग: रानीखेत का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम है, जो रानीखेत से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह लगभग 2-3 घंटे में तय की जा सकती है। काठगोदाम रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
- हवाई मार्ग: रानीखेत का सबसे निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है, जो रानीखेत से लगभग 115 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पंतनगर हवाई अड्डा दिल्ली और भारत के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
रानीखेत कब जाएं:
रानीखेत घूमने का सबसे अच्छा समय मुख्यतः गर्मियों और शुरुआती सर्दियों में होता है। यहाँ के मौसम के आधार पर विभिन्न ऋतुओं में यात्रा का अनुभव अलग-अलग हो सकता है। जैसे-
- मार्च से जून (गर्मी का मौसम): इस दौरान तापमान 10°C से 27°C के बीच रहता है। यह समय रानीखेत घूमने के लिए सबसे उपयुक्त होता है क्योंकि मौसम बहुत ही सुहावना और आरामदायक होता है। इस समय में आप यहाँ की हरियाली और पहाड़ों के खूबसूरत नज़ारों का आनंद ले सकते हैं। ट्रेकिंग, कैंपिंग और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए यह सबसे अच्छा समय है।
- जुलाई से सितंबर (मानसून का मौसम): इस दौरान तापमान 15°C से 20°C के बीच रहता है। मानसून में रानीखेत की प्राकृतिक सुंदरता और भी बढ़ जाती है। यहाँ की हरियाली और झरनों का आनंद लिया जा सकता है, लेकिन इस समय भारी बारिश होने की संभावना होती है, जिससे यात्रा में कठिनाई हो सकती है। बारिश के मौसम में प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव तो बढ़िया होता है, लेकिन भूस्खलन और सड़क की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यात्रा की योजना बनाएं।
- अक्टूबर से फरवरी (सर्दियों का मौसम): इस दौरान तापमान 0°C से 15°C के बीच रहता है। सर्दियों में रानीखेत ठंडा और सर्द होता है। दिसंबर और जनवरी के महीनों में यहाँ बर्फबारी भी होती है। अगर आप बर्फ का आनंद लेना चाहते हैं, तो यह समय उपयुक्त हो सकता है। बर्फबारी का आनंद, बर्फ में खेलना और शांत वातावरण का अनुभव करना इस समय विशेष होता है।
इस प्रकार रानीखेत एक अद्भुत स्थान है जहाँ आप प्राकृतिक सौंदर्य, शांत वातावरण और ऐतिहासिक महत्व का अनुभव कर सकते हैं। यहाँ की यात्रा आपको एक नई ऊर्जा और ताजगी का अनुभव कराएगी। यहाँ पर आकर आप प्रकृति की गोद में आराम कर सकते हैं और विभिन्न आकर्षण स्थलों का आनंद ले सकते हैं।