New Delhi/दिल्ली/भारत सरकार ने रोजगार क्षमता बढ़ाने और उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न व्यापक पहलों के माध्यम से कौशल विकास के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता दिखाई है। केन्द्रीय बजट 2024-25 के तहत, एक उल्लेखनीय विशेषता राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से प्रधानमंत्री पैकेज के तहत एक नई केन्द्र प्रायोजित योजना की घोषणा है। इस योजना का उद्देश्य पाँच वर्षों में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करना और 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को उन्नत करना है।
इसके अतिरिक्त, मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जाएगा ताकि सरकार की गारंटी के साथ ₹7.5 लाख तक के ऋण की सुविधा दी जा सके, जिससे सालाना 25,000 छात्रों को लाभ होगा। ऐसे लोग जो मौजूदा योजनाओं का लाभ लेने के योग्य नहीं हैं, उन्हें घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए ₹10 लाख तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिसमें ई-वाउचर प्रत्येक वर्ष 1 लाख छात्रों के लिए 3 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर में छूट प्रदान करेंगे।
इन नए उपायों के अनुरूप, सरकार स्थापित कार्यक्रमों का समर्थन करना जारी रखती है। कौशल विकास और उद्यमिता पर राष्ट्रीय नीति (एनपीएसडीई) अंतराल को पाटने, उद्योग की भागीदारी में सुधार करने और प्रशिक्षुता के अवसरों का विस्तार करने के लिए जारी है। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) ने 2015 से 1.42 करोड़ से अधिक व्यक्तियों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है, जिसमें 1,000 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों को कौशल भारत केन्द्रों के रूप में जोड़ा गया है। 14,955 आईटीआई के साथ शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) दीर्घकालिक व्यावसायिक प्रशिक्षण पर ध्यान केन्द्रित करती है, जिसमें महिला भागीदारी में महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस) गैर/नव-साक्षरों को लक्षित करता है, जिसने वित्त वर्ष 19 से वित्त वर्ष 24 तक 26.36 लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया है, जिसमें 82 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं।
राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) ने 32.38 लाख प्रशिक्षुओं को शामिल किया है और उद्योग की भागीदारी बढ़ाई है उद्यमिता प्रशिक्षण को राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईबीयूडी) और भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई) जैसे संस्थानों द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है, जिन्होंने वित्त वर्ष 19 से वित्त वर्ष 24 तक सामूहिक रूप से 4.64 लाख व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया है। अगस्त 2023 में शुरू किया गया स्किल इंडिया डिजिटल हब कुशल संसाधनों तक पहुँच को बढ़ाता है और कई सरकारी पहलों को जोड़ता है, जिससे 60 लाख से अधिक शिक्षार्थी जुड़ेंगे।
लक्षित कौशल प्रयास उभरते हुए क्षेत्रों जैसे ग्रीन हाइड्रोजन और पीएम विश्वकर्मा पहल तक फैले हुए हैं, जो विविध आबादी को कौशल प्रदान करते हैं। स्किल इंडिया इंटरनेशनल सेंटर और ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी आदि देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय भागीदारी के माध्यम से भारत को वैश्विक मानकों पर कौशल प्रदान किया जाता है, जिससे योग्यता और अंतरराष्ट्रीय गतिशीलता की पारस्परिक मान्यता को बढ़ावा मिलता है। राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) स्किल इम्पैक्ट बॉन्ड जैसे अभिनव वित्त तंत्रों के माध्यम से उद्योग सहयोग को आगे बढ़ाता है, जिसने हजारों युवाओं को प्रशिक्षित किया है और उन्हें रोजगार दिया है, जिसमें महिलाओं का एक महत्वपूर्ण अनुपात भी शामिल है। प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीटी) उद्योग-संबंधित कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रमुख निगमों के साथ साझेदारी करता है, जो प्रशिक्षुओं को उद्योग 4.0 और उससे आगे के लिए तैयार करता है।
अंत में, जबकि भारत को अपने कौशल अंतराल के कारण गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, सरकार की सक्रिय पहलों ने इस अंतर को पाटने में प्रगति दिखाई है। ये प्रयास प्रतिभा की कमी को दूर करते हैं और भारत के युवाओं को वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करते हैं, तथा निरंतर निवेश और सहयोग की आवश्यकता पर बल देते हैं।