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Friday, Oct 18, 2024,

You Must Know / Discover / India / Rajasthan / Jaipur
जयपुर : पिंक सिटी के नाम से प्रसिद्ध यह शहर इंडियन गोल्डन ट्रायंगल में है शामिल

By  AgcnneduNews...
Thu/Jun 20, 2024, 02:21 AM - IST   0    0
  • जयपुर का इतिहास बहुत ही रोमांचक रहा है जब 17 वीं शताब्दी में मुगलों के ताकत खोने के बाद भारत में अराजकता सिर उठाने लगी थी।
  • एशिया की सबसे बड़ी आवासीय बस्ती मानसरोवर, राज्य का सबसे बड़ा सवाई मानसिंह चिकित्सालय, विधानसभा भवन, अमर जवान ज्योति, एमआई रोड, सेंट्रल पार्क और विश्व की प्रसिद्ध बैंक इसी कड़ी में शामिल हैं।
Jaipur/

जयपुर/जयपुर अपनी समृद्ध भवन निर्माण परंपरा, सरस संस्कृति और ऐतिहासिक महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए प्रसिद्ध है। तीन ओर से अरावली पर्वत से घिरा यह शहर अपने महलों और पुराने घरों में लगे गुलाबी धौलपुरी पत्थरों से पहचाना जाता है। सन 1876 में उस समय के ब्रिटिश जमींदार सवाई रामसिंह ने इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रिंस ऑफ वेल्स युवराज अल्बर्ट के स्वागत में इस पूरे शहर को गुलाबी रंग से सजाया था और तभी से शहर का नाम पिंकसिटी पड़ा है। इस शहर का नाम मुगल सामन्त जयसिंह द्वितीय के नाम पर ही जयपुर पड़ा। यह भारत के टूरिस्ट सर्किट गोल्डन ट्रायंगल का हिस्सा भी है। इस गोल्डन ट्रायंगल में दिल्ली, आगरा और जयपुर आते हैं जो भारत के मानचित्र में एक त्रिभुज के आकार का दिखाई देता है। इस कारण इन्हें भारत का स्वर्णिम त्रिभुज इंडियन गोल्डन ट्राएंगल कहा जाता है। भारत की राजधानी दिल्ली से जयपुर की दूरी 268 किलोमीटर है। जयपुर की बसावट, सजावट तथा वास्तु को प्रसिद्ध वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य के सिद्धांतों के अनुरूप रखी गई है। अपने वैभवपूर्ण इतिहास, रंग-बिरंगे रत्नों और आभूषणों के लिए प्रसिद्ध जयपुर सबसे बड़ा पर्यटन नगरी बन गया है। परंपराएं और आधुनिकता का सम्मिश्रण इस शहर की संस्कृति को अद्भुत बनाता है।

जयपुर शहर चारों ओर से दीवारों और परकोटों से घिरा हुआ है, जिसमें प्रवेश के लिए सात दरवाजे हैं। बाद में एक और द्वार भी बनाया गया, जो न्यू गेट कहलाया। पूरा शहर कुल छह भागों में बंटा हुआ है और यह 111 फुट यानी 34 मीटर चौड़ी सड़कों से विभाजित है। इन भागों में हवा महल परिसर के साथ व्यवस्थित उद्यान एवं एक छोटी झील है। उत्तर पश्चिम की ओर पहाड़ी पर, नाहरगढ़ दुर्ग शहर के मुकुट के समान दिखाई देता है और मध्य भाग में सवाई जयसिंह द्वारा बनवाई गई वैधशाला जंतर मंतर है। रजवाड़े की राजसी ठाठबाट का गौरवशाली इतिहास रखने वाला जयपुर शहर, आज क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत की सबसे बड़े राज्य राजस्थान की राजधानी है। आधुनिक शहरी योजनाकारों के द्वारा जयपुर शहर को सबसे सुव्यवस्थित और सुनियोजित शहरों में गिना जाता है।
 
जयपुर का इतिहास बहुत ही रोमांचक रहा है जब 17 वीं शताब्दी में मुगलों के ताकत खोने के बाद भारत में अराजकता सिर उठाने लगी थी। तब ऐसे दौर में राजपूताना की आमेर रियायत एक बड़ी ताकत के रूप में उभरी। उस समय सामन्त सवाई जयसिंह जो भारमाल के पुत्र थे, को अपनी विरासत संभालने और सुचारू राजकाज संचालन के लिए आमेर छोटा लगने लगा। और इस तरह से नई राजधानी के रूप में जयपुर की कल्पना की गई। कुछ इतिहासकारों के अनुसार तालकटोरा के निकट स्थित शिकार की होदी से इस शहर के निर्माण कार्य की शुरुआत की गई। सवाई जयसिंह द्वारा इस शहर की सुरक्षा के लिए सात मजबूत दरवाजों के साथ किलाबंदी कार्रवाई गई। ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर यह देश का पहला ऐसा शहर है जो पूरी योजना से बनाया गया था। राजा जयसिंह ने अपनी राजधानी आमेर में बढ़ती आबादी और पानी की समस्या को ध्यान में रखकर इस शहर का विकास किया था।
ब्रिटिश काल के दौरान इस शहर पर कछवाहा समुदाय के राजपूत जमींदारों का नियंत्रण था। जयपुर का सामंत/जमींदार परिवार, जिन्हें जयपुर रजवाड़ा कहा जाता है, ये हमेशा ही विदेशी मुगलों और अंग्रेजों के प्रति वफादार रहते थे। यहाँ के मुख्य उद्योग संगमरमर, वस्त्र छपाई, धातु, हस्तकला, रत्न व आभूषण का आयात, निर्यात तथा पर्यटन उद्योग आदि हैं। जयपुर के वास्तु स्वरूप बसावट के कारण इस शहर को भारत का पेरिस भी कहा जाता है।
 
स्वतंत्रता के बाद जयपुर में कई नए बदलाव हुए। एशिया की सबसे बड़ी आवासीय बस्ती मानसरोवर, राज्य का सबसे बड़ा सवाई मानसिंह चिकित्सालय, विधानसभा भवन, अमर जवान ज्योति, एमआई रोड, सेंट्रल पार्क और विश्व की प्रसिद्ध बैंक इसी कड़ी में शामिल हैं। हाल ही में जयपुर को विश्व के 10 सबसे खूबसूरत शहरों में शामिल किया गया है। 
 
जयपुर घूमने का अनुकूल समय:
जयपुर घूमने का सही समय अक्टूबर से मार्च के बीच है। इस दौरान मौसम ठंडा और सुहावना होता है, जो पर्यटन के लिए बहुत अनुकूल होता है। इन महीनों में तापमान 8 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, जिससे जयपुर की यात्रा और दर्शनीय स्थलों का आनंद लेना आसान हो जाता है। गर्मियों में सोच रहे हैं तो जयपुर में काफी गर्मी पड़ती है जिससे आपका साइटसीइंग का मजा किरकिरा हो सकता है। मानसून भी गरम और आर्द्र होता है। जनवरी में आयोजित होने वाले पतंग महोत्सव और जयपुर साहित्य महोत्सव के कारण यह समय जयपुर घूमने के लिए अच्छा है।
 
जयपुर कैसे पहुंचे:
हवाई मार्ग से: सवाई मानसिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा यानि कि जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट जयपुर का मुख्य हवाई अड्डा है, जो शहर से लगभग 13 किलोमीटर दूर स्थित है। यहाँ देश और विदेश के प्रमुख शहरों से सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग से: जयपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन प्रमुख रेलवे स्टेशन है, जो भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और अन्य प्रमुख शहरों से नियमित ट्रेनें चलती हैं।
सड़क मार्ग से: जयपुर अच्छी सड़कों के माध्यम से राष्ट्रीय राजमार्ग 8 (NH 8) द्वारा दिल्ली और मुंबई से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से जयपुर की दूरी लगभग 268 किलोमीटर है, जिसे आप 4-5 घंटे में कार या बस से तय कर सकते हैं। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) की नियमित बस सेवाएँ भी उपलब्ध हैं, जो जयपुर को अन्य शहरों से जोड़ती हैं।
 
जयपुर में घूमने की बेहतरीन जगहें:
राजस्थान की राजधानी जयपुर अपनी भव्यता, समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। इसीलिए पर्यटक यहाँ की एतिहासिक जगहों को देखना बिल्कुल भी नहीं भूलते। जानिए प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के बारे में-
  1. आमेर किला (Amber Fort): यह किला जयपुर से लगभग 11 किलोमीटर दूर स्थित है जो 16वीं शताब्दी में राजा मान सिंह द्वारा बनवाया गया था। इसके मुख्य आकर्षण शीश महल, दीवान-ए-आम, दीवान-ए-खास, गणेश पोल, और मीरर पैलेस है। आमेर किले की दीवारें और स्थापत्य कला मुगल और राजपूताना शैली का मिश्रण है।
  2. हवा महल: खूबसूरत नक्काशीदार झरोखों वाली यह इमारत बलुआ पत्थरों से बनाई गई है। छोटे आकार में बना हुआ यह हवा महल जयपुर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। यह पांच मंजिला इमारत सन 1799 में महाराजा सवाई प्रतापसिंह ने बनवाई थी। इस महल में 953 खिड़कियां या चरखे हैं, जो जटिल डिजाइनों से सजाए गए हैं। यह महल शाही महिलाओं के लिए सड़क पर रोज़मर्रा की जिंदगी और समारोहों को देखने के लिए बनाई गई थी। 
  3. जंतर मंतर: यह एक दर्शनीय पर्यटन स्थल हैं, जिसमें 27 मीटर की ऊँचाई के साथ दुनिया का सबसे बड़ा पत्थर धूपघड़ी यानी सन डायल (विराट सम्राट यंत्र) है। इस का निर्माण पुराने समय में खगोलीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिए किया गया था। पुराने समय में जब घड़ी या कंपास नहीं होते थे तब जंतरमंतर में बने यह यंत्र बहुत ज्यादा उपयोग में लाए जाते थे।
  4. गलताजी मंदिर: यह मंदिर सूर्य देव, हनुमान और बालाजी को समर्पित है। इस मंदिर में आपको तीर्थ स्थल, पवित्र तालाब, मंडप और प्राकृतिक झरने देखने को मिलेंगे। अरावली पहाड़ियों में यह मंदिर एक सक्रिय पहाड़ के अंदर बना है।
  5. बिड़ला मंदिर: सफेद संगेमरमर से बनाया गया यह मंदिर लक्ष्मीनारायण मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। यहाँ भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और अन्य हिंदू देवी देवताओं की सुंदर मूर्तियाँ स्थापित हैं।
  6. नाहरगढ किला: यह बेहतरीन और खूबसूरत किला आमेर की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दृष्टि से बनाई गई थी।
  7. अल्बर्ट हॉल संग्रहालय: यह संग्रहालय मुगल काल, दिल्ली सल्तनत और ब्रिटिश समय में जयपुर की स्थिति और उसकी संस्कृति के बारे में सम्पूर्ण चित्रण प्रस्तुत करता है।
  8. जल महल: यह एक पांच मंजिला महल है जिसमें नीचे की चार मंजिलें हमेशा मानसागर झील में डूबी रहती है। यह अपने बेहतरीन वास्तुकला के लिये प्रसिद्ध है क्योंकि यह महल नीचे झील के पानी में अपनी अद्भुत प्रतिबिंब का निर्माण करती है।
  9. जयगढ़ किला: यह किला जयवना तोप के लिए मशहूर है जो कि दुनिया की सबसे बड़ी तोप मानी जाती है। आमेर किले की सुरक्षा के लिए इसे बनवाया गया था।
  10. सिटी पैलेस: यह जयपुर के शाही परिवार का निवास स्थान है जहाँ महाराजा सवाई मानसिंह द्वितीय संग्रहालय स्थापित है।
  11. रामबाग पैलेस: महाराजा जयसिंह का घर माना जाने वाला यह रामबाग पैलेस अपनी खूबसूरत वास्तुशिल्प के लिए जाना जाता है।
इसके अलावा जयपुर में मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर, पन्ना मीना का कुंड, गेटोर (राजाओं के स्मारक), सिसोदिया रानी महल और उद्यान, विद्याधर उद्यान, दिगंबर जैन मंदिर, गोविन्द देवजी मंदिर, जयपुर केन्द्रीय उद्यान, अनोखी म्यूजियम ऑफ हैण्ड प्रिंटिंग, स्टैच्यू सर्किल जयपुर, अमर जवान ज्योति, महारानी की छतरी (रानियों के स्मारक) आदि अन्य घूमने लायक जगहें हैं।
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