Thiruvananthapuram/कोच्चि/केंद्रीय इलेक्ट्रोनिक्स एवं आईटी, कौशल विकास तथा उद्यमिता और जल शक्ति राज्य मंत्री, राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि, हम आखिरकार एक ऐसे समय में जीवन व्यतीत कर रहे हैं जब एक सेमीकंडक्टर इंजीनियर भी एक सुपरहीरो है – जो आपको बताता है कि हमारा देश कितना आगे बढ़ चुका है, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रौद्योगिकी के युग में हमारे देश ने कितनी प्रगति की है। ये बातें केंद्रीय मंत्री ने 6 मार्च को केरल में चौथे सेमीकॉन इंडिया फ्यूचर डिजाइन रोड शो में छात्रों, शोधकर्ताओं, उद्योग जगत के नेताओं और इसरो के सदस्यों को संबोधित करते हुए की।
केंद्रीय मंत्री ने आईबीएम और सी-डैक के बीच एक समझौता ज्ञापन की सुविधा प्रदान की, जिसका उद्देश्य उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग के लिए भारत के प्रोसेसर डिजाइन एवं विनिर्माण क्षमताओं में तेजी लाना है। इस कार्यक्रम का आयोजन भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST) में किया गया।
राजीव चंद्रशेखर ने यह भी घोषणा किया कि, आगामी भारत सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर (बीएसआरसी) का आईआईएसटी, तिरुवनंतपुरम में एक क्षेत्रीय केंद्र स्थापित होगा, जो शहर के स्टार्टअप और तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगा।
ये केंद्र केरल के आईटी अवसंरचना को मजबूत करने, उभरते तकनीकी स्टार्टअप को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं, जिससे उन्हें वैश्विक स्तर पर नवाचार करने, आगे बढ़ने और प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाया जा सके।
उद्घाटन के बाद, मंत्री ने इनक्यूबेशन केंद्र का दौरा किया और स्टार्टअप से मुलाकात की और मंत्री ने "केरल में टेक स्टार्टअप्स को उत्प्रेरित करना" विषय पर चर्चा की।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष, श्री एस सोमनाथ के साथ अपनी बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तिरुवनंतपुरम में भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के विकास के लिए एक महान उत्प्रेरक बनने का महत्वपूर्ण अवसर है। तिरुवनंतपुरम और कोच्चि में नए उद्घाटन किए गए एसटीपीआई केंद्र, राज्य में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देते हुए राज्य को दक्षिण भारत का सबसे बड़ा प्रौद्योगिकी केंद्र बनने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में शहर में भारत के पहले टेक्नोपार्कों में से एक होने के बावजूद, यह दुखद है कि आज भी तिरुवनंतपुरम स्टार्टअप इनोवेशन इकोनॉमी के शीर्ष 20 में शामिल नहीं है है। यूडीएफ और एलडीएफ के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों में राजनीतिक दृष्टिकोण की कमी होने के कारण केरल न केवल इस उपलब्धियों से वंचित रहा बल्कि विकास मार्ग की पटरी से पूरी तरह से उतर गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेंगे कि नवाचार की अगली लहर केरल से आए, जिसमें केरल के युवा इसकी प्रेरक शक्ति बनेंगे।