Mayūrbhanj/ओडिशा/राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने ओडिशा में मयूरभंज के बड़साही में नवनिर्मित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि समाज के विकास के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। इसीलिए सरकार सुदूर आदिवासी ब्लॉकों में आदिवासी छात्रों के लिए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय खोल रही है। अब बच्चों को स्कूल भेजना अभिभावकों की जिम्मेदारी है। इस अवसर पर ओडिशा के राज्यपाल श्री रघुबर दास, केंद्रीय जनजातीय कार्य और जल शक्ति राज्य मंत्री श्री बिश्वेश्वर टुडू और केंद्र तथा राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
एकलव्य आदर्श आवासीय स्कूल आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में 2019 में 452 नए एकलव्य आदर्श आवासीय स्कूल (ईएमआरएस) स्वीकृत किए गए थे। उस प्रत्येक आदिवासी ब्लॉक में एक ईएमआरसी खोला जा रहा है, जहां जनजातियों की आबादी कुल आबादी का 50 प्रतिशत या इससे अधिक अथवा 20,000 हो। जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय जनजातीय छात्रों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा सोसायटी (एनईएसटीएस) इस योजना को लागू कर रही है। प्रति छात्र आवर्ती लागत 61,000 रुपये से बढ़ाकर 2019 में 1,09,000 कर दिया गया। इसके बाद 2022 में ईएमआरएस की निर्माण लागत मैदानी क्षेत्रों में 20 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 38 करोड़ रुपये और पहाड़ी क्षेत्रों में 24 करोड़ रुपये बढ़ाकर 48 करोड़ रुपये कर दी गई। पुरानी योजना के तहत 2019 से पहले स्वीकृत 288 स्कूलों के साथ जनजातीय कार्य मंत्रालय मार्च 2026 तक कुल 740 स्कूल स्थापित करेगा, जिसमें 2019 में स्वीकृत 452 स्कूलों का निर्माण भी शामिल है। राष्ट्रीय जनजातीय छात्रों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा सोसायटी (एनईएसटीएस) 38,800 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया में है, जिनमें से चरणबद्ध तरीके से लगभग 10,000 कर्मचारियों का चयन पहले ही किया जा चुका है।
बड़साही ईएमआरएस परिसर लगभग 8 एकड़ भूमि में बनाया गया है। एक सामान्य ईएमआरएस में 480 छात्रों के लिए 16 क्लासरूम होंगे जिनमें 240 लड़कियां और 240 लड़के पढ़ाई करेंगे। यहां लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग छात्रावास, मेस, प्रिंसिपल, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए आवासीय आवास, प्रशासनिक ब्लॉक, खेल का मैदान, कंप्यूटर और विज्ञान प्रयोगशालाएं हैं। ये विद्यालय इस क्षेत्र के आदिवासी विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए बड़ी उपलब्धि साबित होंगे।
राष्ट्रपति ने जिस स्कूल का उद्घाटन किया वह नई योजना के तहत निर्मित 25 स्कूलों में से एक है। नई योजना में स्कूलों की निर्माण लागत मैदानी क्षेत्रों में 38 करोड़ रुपये और पहाड़ी क्षेत्रों में 48 करोड़ रुपये तक बढ़ा दी गई है। इससे पहले राष्ट्रपति ने ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी ईएमआरएस का उद्घाटन किया था।
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने भी 26 फरवरी और 27 फरवरी 2024 को झारखंड में पश्चिमी सिंहभूम और सिमडेगा जिले के तांतनगर, मंझारी, नोआमुंडी, बांसजोर, पकार्तांर में 5 ईएमआरएस का भी उद्घाटन किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि, मुझे खुशी है कि हम उन स्कूलों का उद्घाटन कर रहे हैं जिनकी हमने आधारशिला रखी थी। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूर-दराज के इलाकों में देश को समयबद्ध तरीके से सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले स्कूल उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।