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Friday, Oct 18, 2024,

Defence & Security / National Security / India / Andhra Pradesh / Visakhapatnam
'न्यू इंडिया' की प्रतिज्ञा, समुद्री डकैती और तस्करी बर्दाश्त नहीं की जाएगी

By  AgcnneduNews...
Sat/Feb 03, 2024, 11:41 AM - IST   0    0
  • प्रथम सर्वेक्षण विशाल मालवाहक जहाज, आईएनएस संध्याक को विशाखापत्तनम में रक्षा मंत्री की गरिमामयी उपस्थिति में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
  • यह जहाज हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र में एक महाशक्ति के रूप में भारत की भूमिका को और अधिक मजबूत करेगा- राजनाथ सिंह।
  • भारत नौवहन, व्यापार और वाणिज्य की स्वतंत्रता और नियम-आधारित विश्व व्यवस्था का पक्षधर है।
Visakhapatnam/

विशाखापत्तनम/प्रथम सर्वेक्षण विशाल मालवाहक जहाज (एसवीएल), आईएनएस संध्याक (यार्ड 3025) 03 फरवरी, 2024 को नौसेना डॉकयार्ड, विशाखापत्तनम में आयोजित एक विशेष समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की गरिमामयी उपस्थिति में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। जहाज की प्राथमिक भूमिका सुरक्षित समुद्री नौवहन को सक्षम करने की दिशा में बंदरगाहों, नौवहन चैनलों/मार्गों, तटीय क्षेत्रों और गहरे समुद्रों का पूर्ण पैमाने पर जलमाप चित्रण संबधित जलीय सर्वेक्षण करना है। अपनी दूसरी भूमिका में, जहाज कई प्रकार के नौसैनिक अभियानों को पूर्ण करने में सक्षम होगा।

रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में जलावतरण को ऐतिहासिक बताया और विश्वास जताया कि आईएनएस संध्याक भारत-प्रशांत महासागर क्षेत्र में एक महाशक्ति के रूप में भारत की भूमिका को और अधिक मजबूत करेगा और भारतीय नौसेना को शांति और सुरक्षा बनाए रखने में सहयोग करेगा। उन्होंने किसी भी देश की सुरक्षा के महत्‍व को मनुष्य के विकास के साथ जोडते हुए बताया। उन्होंने कहा “जीवन के प्रारंभिक वर्षों में अपने परिवार पर निर्भर रहने से, एक बच्चा समाज में ज्ञान का प्रसार करने से पहले धीरे-धीरे आत्‍मनिर्भर हो जाता है। इसी प्रकार, कोई भी देश अपने विकास के प्रारंभिक चरण में अपनी सुरक्षा की क्षमता विकसित करने से पहले सुरक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहता है। अंतत: तृतीय चरण का प्रादुर्भाव होता है जब वह इतना शक्तिशाली हो जाता है कि न केवल अपने हितों की रक्षा करता है, बल्कि अपने मित्र देशों की रक्षा करने में भी सक्षम हो जाता है”।

रक्षा मंत्री ने आशा व्यक्त की कि आईएनएस संध्‍याक महासागरों के बारे में जानकारी प्राप्त करने और देश के साथ-साथ अन्‍य देशो की रक्षा करने के दोहरे उद्देश्य को प्राप्‍त करने में सहयोगी होगा। उन्होंने कहा “समुद्र विशाल और अथाह है। हम जितना अधिक इसके तत्वों को जानने में सक्षम होंगे, हमारे ज्ञानकोष में उतनी ही वृद्धि होगी और हम मजबूत बनेंगे। जितना अधिक हम महासागर, इसकी पारिस्थितिकी, इसकी वनस्पतियों और जीवों के बारे में जानकारी एकत्र करेंगे, हम अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेंगे। जितना अधिक हम महासागर के बारे में जानेंगे, उतना ही अधिक सार्थक रूप से हम अपने रणनीतिक सुरक्षा हितों को पूरा करने में सक्षम होंगे”।

श्री राजनाथ सिंह ने बताया कि आजादी के बाद, कई विषम चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना करते हुए, भारत अपनी सुरक्षा के लिए आगे बढ़ता रहा और स्‍वयं को खतरों से बचाता रहा। उन्होंने कहा, आज देश विकास के पथ पर अग्रसर है, हमारी मजबूत नौसेना हिंद महासागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पहले से कहीं अधिक उत्‍तरदायित्‍व निभाते हुए सुरक्षा प्रदान कर रही है।

रक्षा मंत्री ने हिंद महासागर को वैश्विक व्यापार के लिए हॉटस्पॉट बताया। उन्होंने अरब सागर में व्यापारिक जहाजों के अपहरण के प्रयासों और समुद्री डाकुओं से जहाजों की रक्षा करने के लिए भारतीय नौसेना के साहस और फुर्ती की बात करते हुए कहा “हिंद महासागर में अदन की खाड़ी, गिनी की खाड़ी आदि जैसे कई चोक पॉइंट स्थित हैं, जिनके माध्यम से विशाल स्‍तर पर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार होता है। इन अवरोध बिंदुओं पर कई खतरे विद्यमान हैं, जिनमें से सबसे बड़ा खतरा समुद्री डाकुओं से है''।

श्री राजनाथ सिंह ने 'न्यू इंडिया' की प्रतिज्ञा बताते हुए आश्वासन दिया कि समुद्री डकैती और तस्करी में शामिल गतिविधियों को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अभी हाल ही में आईएनएस इंफाल के जलावतरण के अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा था कि भारत नापाक गतिविधियों में संलिप्‍त तत्‍वों को समुद्र की गहराई से भी ढूंढ निकालेगा और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगा।

 

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