- 11 जनवरी को इलेक्ट्रोपैथी दिवस था।
- लोग कहते हैं sky is the लिमिट। आज के भारत में sky is not the limit आज के भारत में कोई लिमिट नहीं है- उपराष्ट्रपति।
जयपुर/11 जनवरी को इलेक्ट्रोपैथी दिवस था, जयपुर में आयोजित इलेक्ट्रो होम्योपैथी सेमिनार में उपराष्ट्रपति ने भाग लिया। उपराष्ट्रपति ने अपने सम्बोधन में कहा- 11 जनवरी को इलेक्ट्रोपैथी दिवस था, उसकी सभी को अभिनंदन और बधाई। हम ऐसे कालखंड में हैं कि हमें कुछ बातों की ओर ध्यान रखना पड़ेगा। वह हमारे रीढ़ की हड्डी हैं ‘Spinal Strength of our Great Nation’. भारत में दुनिया की 1/6th ह्यूमैनिटी रहती है। हमारी जो व्यवस्था है दुनिया में इसका कोई मुकाबला नहीं है। राष्ट्रवाद और भारतीयता को आप सदैव समर्पित रहें, यह मेरी आकांक्षा है और अभिलाषा है। और इसको भी मैं अक्सर बच्चों से कहता हूं and they appreciate it. It is not an option, it is non negotiable. यही एक रास्ता है हमारे भारत को बहुत महान बनाने का और उसी रास्ते पर भारत निरंतरता से अग्रसर है।
देशहित को सर्वोपरि रखना हमारा दायित्व है। राष्ट्रधर्म और सांस्कृतिक अस्मिता को कभी आंच ना आये यह हमारा संकल्प और दायित्व होना चाहिए। कुछ भ्रमित लोग ऐसा करते रहते हैं। हम जानते हैं कि वह गलत काम कर रहे हैं। राष्ट्र विरोधी नैरेटिव को चलाते हैं। जानकार आदमी जब ऐसा करता है तो बड़ी पीड़ा होती है। कोई अर्थशास्त्री जिसने 10 साल तक भारत की अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ाव रखा वह कहता है विदेश से कि 5% से ज्यादा की बढ़ोतरी नहीं होगी और वह बढ़ोतरी 7.6% है। तो मैं आप सबसे कहूंगा यह समय शांत रहने का नहीं है, यह समय चुप रहने का नहीं है।
भारतमाता यह स्वीकार नहीं करेगी और मेरा आग्रह रहेगा हर व्यक्ति से कि वह अपने कर्तव्य का निर्वहन वर्तमान स्थिति को देखकर करें जहां भारत का अस्तित्व पूरी दुनिया दूसरे तरीके से मान रही है।