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Friday, Oct 18, 2024,

Education / University / India / Haryana / Rohtak
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय : दीक्षांत समारोह

By  AgcnneduNews...
Wed/Dec 27, 2023, 10:07 AM - IST   0    0
  • गुरुजनों का आदर, परिजनों की सेवा और देश का सम्मान आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए- उपराष्ट्रपति।
  • दुनिया में भारत की बढ़ती शाख को का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति आईएमएफ और विश्व बैंक के अनुसार, भारत निवेश और अवसर का सबसे पसंदीदा स्थान है।
  • भारत विरोधी नरेटिव चलाने वालों को लक्ष्य करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि मुझे पीड़ा होती है जब भारत का कोई नागरिक, भारतीयता में विश्वास करने वाला, हमारे देश को नीचा दिखाता है, हमारी प्रगति को धूमिल करता है, हमारी संवैधानिक संस्थाओं को कलंकित करता है।
Rohtak/

हरियाणा/उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, डॉ. (श्रीमती) सुदेश धनखड़ के साथ 26 दिसंबर को अपने एकदिवसीय दौरे पर हरियाणा के रोहतक पहुंचे जहां उन्होंने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित  दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। अपने सम्बोधन के दौरान उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा- भारतीयता हमारी पहचान है, भारत का हित सर्वोपरि है! हमने जो विरासत पाई है, दुनिया के किसी देश ने ऐसी विरासत नहीं पाई है, हमने जो अप्रत्याशित प्रगति हाल के वर्षों में की है, दुनिया उससे अचंभित है!

दुनिया में भारत की बढ़ती शाख को का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति आईएमएफ और विश्व बैंक के अनुसार, भारत निवेश और अवसर का सबसे पसंदीदा स्थान है।

डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा- गुरुजनों का आदर, परिजनों की सेवा और देश का सम्मान आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। हम उस भारत के नागरिक हैं जहाँ बुज़ुर्गों का सम्मान होता है। कोई भी परिस्थिति हो, अपने माता-पिता का हमेशा ध्यान रखें। उनकी सेवा में ही ईश्वर है।

भारत विरोधी नरेटिव चलाने वालों को लक्ष्य करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि मुझे पीड़ा होती है जब भारत का कोई नागरिक, भारतीयता में विश्वास करने वाला, हमारे देश को नीचा दिखाता है, हमारी प्रगति को धूमिल करता है, हमारी संवैधानिक संस्थाओं को कलंकित करता है, उन्होंने कहा ऐसे लोगों को हमारे संविधान  निर्माता डॉ. अंबेडकर की ऋषि वाणी को सुनना है जिन्होंने कहा था कि  "आपको पहले भारतीय होना चाहिए, अंत में भारतीय और भारतीय के अलावा कुछ नहीं।

उपराष्ट्रपति ने डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सचमुच भाग्यशाली हैं कि आप स्वयं को 'अमृत काल' के पारितंत्र में हैं! 'अमृत काल' ही हमारा 'गौरव काल' है। अब आपकी असीम ऊर्जा को उजागर करने और आपकी प्रतिभा और क्षमता को पूरी तरह से साकार करने के दरवाजे खुले हैं।

अंत में  उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपने राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखना चाहिए, भारत का हित सर्वोपरि है, भारतीयता में हमारा विश्वास अटूट है, हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए, हमें अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियां पर गर्व करना चाहिए।

इस अवसर पर डॉ. (श्रीमती) सुदेश धनखड़, हरियाणा के राज्यपाल व कुलाधिपति श्री बंडारू दत्तात्रेय, हरियाणा सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री श्री मूल चंद्र शर्मा, लोक सभा सदस्य डॉ अरविंद कुमार शर्मा,  राज्यसभा सदस्य श्री रामचंद्र जांगडा, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजबीर सिंह, श्री जस्टिस सूर्यकांत जज सुप्रीम कोर्ट, कार्यकारिणी परिषद के सदस्य, विश्वविद्यालय के प्राचार्य छात्र छात्राएं  एवं कई अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।

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