- 8 दिसंबर, 2023 को समाप्त हुए पंजीकरण के समय के दौरान 42,000 से अधिक पंजीकरण प्राप्त हुए हैं।
- चयन समिति द्वारा प्रत्येक समूह के लिए 200 लोगों का चयन किया गया है।
उत्तरप्रदेश/एक भारत, श्रेष्ठ भारत के अपने दृष्टिकोण के अनुरूप, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 17 दिसंबर 2023 को नमो घाट पर काशी तमिल संगमम 2023 का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री कन्याकुमारी- वाराणसी तमिल संगमम ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल; केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान; उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ; और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे।
काशी तमिल संगमम का दूसरा चरण 17 से 30 दिसंबर, 2023 तक पवित्र काशी नगरी (वाराणसी) में शुरू होगा। तमिल प्रतिनिधिमंडल का पहला जत्था 15 दिसंबर 2023 को चेन्नई से रवाना हो गया है। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 1400 ( 200 व्यक्तियों के 7 समूह) लोगों के तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों से यात्रा करने की उम्मीद है। काशी प्रवास के दौरान वे अपने यात्रा कार्यक्रम के अनुसार प्रयागराज और अयोध्या भी जायेंगे।
छात्रों (गंगा), शिक्षकों (यमुना), पेशेवरों (गोदावरी), आध्यात्मिक लोगों(सरस्वती), किसानों और कारीगरों (नर्मदा), लेखकों (सिंधु) और व्यापारियों और व्यावसायियों (कावेरी) के 7 समूहों का नाम भारत की सात पवित्र नदियों के नाम पर रखा गया है और ये समूह चेन्नई, कोयम्बटूर और कन्याकुमारी से काशी तक यात्रा करेंगे। 8 दिसंबर, 2023 को समाप्त हुए पंजीकरण के समय के दौरान 42,000 से अधिक पंजीकरण प्राप्त हुए हैं। उनमें से चयन समिति द्वारा प्रत्येक समूह के लिए 200 लोगों का चयन किया गया है।
भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय इस आयोजन के लिए नोडल एजेंसी होगा। इसमें संस्कृति, पर्यटन, रेलवे, कपड़ा, खाद्य प्रसंस्करण (ओडीओपी), एमएसएमई, सूचना और प्रसारण, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, आईआरसीटीसी और उत्तर प्रदेश सरकार के संबंधित विभाग की भागीदारी भी रहेगी। पहले चरण के अनुभव का लाभ उठाते हुए और अनुसंधान के लिए अपनी प्रतिष्ठा को देखते हुए, आईआईटी मद्रास तमिलनाडु में और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) उत्तर प्रदेश में कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।
काशी तमिल संगमम का पहला चरण 16 नवंबर से 16 दिसंबर 2022 तक आयोजित किया गया था, जिसमें शिक्षा मंत्रालय नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रहा था। जीवन के 12 अलग-अलग क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले तमिलनाडु के 2500 से अधिक लोगों ने 8-दिवसीय दौरे पर काशी, प्रयागराज और अयोध्या की यात्रा की, जिसके दौरान उन्हें वाराणसी और उसके आसपास जीवन के विभिन्न पहलुओं का गहन अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिला।