New Delhi/दिल्ली/भारत के संविधान की 12वीं अनुसूची के अनुसार, नगर नियोजन, भूमि उपयोग का विनियमन और भवनों का निर्माण सहित शहरी नियोजन का कार्य शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी)/शहरी विकास प्राधिकरणों करता है। भारत सरकार योजनाबद्ध मध्यवर्तनों/परामर्शों के माध्यम से राज्यों के प्रयासों में सहायता करती है। यह राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए), भारत सरकार ने राज्य सरकारों, शहरी स्थानीय निकायों, शहरी विकास प्राधिकरणों को मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए "मॉडल बिल्डिंग उपनियम 2016" प्रकाशित किया है, जिसमें भवन की संरचनात्मक सुरक्षा के लिए विस्तृत प्रावधान दिए गए हैं। "मॉडल बिल्डिंग उपनियम 2016" वेबसाइट https://mohua.gov.in/upload/uploadfiles/files/MBBL.pdf पर उपलब्ध है।
मंत्रालय द्वारा शहरी और क्षेत्रीय विकास योजना निर्माण और कार्यान्वयन (यूआरडीपीएफआई) दिशा-निर्देश प्रकाशित किया गया हैं, जो राज्यों/शहरी स्थानीय निकायों द्वारा योजना तैयार करने और कार्यान्वयन करने के लिए एक समग्र ढांचा प्रदान करते हैं। यूआरडीएफआई के दिशा-निर्देश वेबसाइट पर उपलब्ध हैं।
https://mohua.gov.in/upload/uploadfiles/files/URDPFI%20Guidelines%20Vol%20I(2).pdf
भवन उपनियमों की निगरानी, अधिसूचना और उनके प्रवर्तन की जिम्मेदारी राज्यों/शहरी स्थानीय निकायों की है।
यह जानकारी आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर ने आज, 14 दिसंबर को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।