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Friday, Oct 18, 2024,

Education / University / India / Telangana / Manuguru
सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय

By  AgcnneduNews...
Thu/Dec 14, 2023, 05:00 AM - IST   0    0
  • विश्वविद्यालय का नाम माँ और बेटी, सम्मक्का और सरलाम्मा (आमतौर पर सरक्का के नाम से जाना जाता है) के नाम पर "सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय" रखा गया है.
  • तेलंगाना के आदिवासी समुदायों की रक्षा के लिए भेजी गई आदि पराशक्ति की अभिव्यक्ति माना जाता है।
  • /राज्यसभा ने 13 दिसंबर, 2023 को तेलंगाना राज्य के मुलुगु में सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में और संशोधन करने के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन), विधेयक, 2023 पारित किया।
Manuguru/

तेलंगाना/राज्यसभा ने 13 दिसंबर, 2023 को तेलंगाना राज्य के मुलुगु में सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 में और संशोधन करने के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन), विधेयक, 2023 पारित किया। लोकसभा द्वारा यह विधेयक 7 दिसंबर, 2023 को पारित किया गया था।

श्री प्रधान ने कहा- यह विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में क्षेत्रीय आकांक्षाओं को पूरा करेगा और जनजातीय कला, संस्‍कृति, रीति-रिवाज एवं पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों की गुणवत्ता जैसे विषयों सहित आदिवासी समुदायों के बीच अनुसंधान को बढ़ावा देगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह विश्वविद्यालय विभिन्न राज्यों में हमारे आदिवासी भाइयों और बहनों के लिए प्रगति का अग्रदूत सिद्ध होगा। यह विश्वविद्यालय 889.07 करोड़. रुपये की लागत से स्‍थापित किया जाएगा। इस विश्वविद्यालय में 11 विभागों वाले पांच कॉलेजों के तहत स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रम उपलब्‍ध होंगे। इस जनजातीय विश्वविद्यालय के संचालन के प्रारंभिक सात वर्षों के लिए कुल 2790 यूजी और पीजी छात्रों का नामांकन प्रस्तावित किया गया है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना से संकाय और गैर-संकाय पदों के रूप में प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे। इसके अलावा, यह आउटसोर्सिंग/संविदा आधार पर रोजगार के अवसर भी जुटाएगा। इसके परिणामस्वरूप कई सेवाओं और वाणिज्यिक गतिविधियों के माध्यम से इसके आस-पास के क्षेत्रों का विकास होगा जिसके कारण अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इस विश्वविद्यालय का नाम माँ और बेटी, सम्मक्का और सरलाम्मा (आमतौर पर सरक्का के नाम से जाना जाता है) के नाम पर "सम्मक्का सरक्का केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय" रखा गया है, जिन्हें तेलंगाना के आदिवासी समुदायों की रक्षा के लिए भेजी गई आदि पराशक्ति की अभिव्यक्ति माना जाता है।

श्री प्रधान ने यह भी उल्लेख किया कि केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम, 2019 द्वारा संविधान के तहत परिकल्पित आरक्षण द्वारा एससी/एसटी/ओबीसी/ईडब्ल्यूएस के अधिकारों को सुनिश्चित किया गया है।

श्री प्रधान ने बालवाटिका पहल के बारे में बताया, जिसमें ‘जादुई पिटारा’ जैसी गतिविधियां शामिल हैं, जिसे 3-5 साल के बच्चों के लिए शिक्षण और सीख के तरीकों को विकसित करने के लिए शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में कौशल आधारित शिक्षा और प्रशिक्षण शुरू किया गया है।

श्री प्रधान ने नई शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) की अंतर्राष्ट्रीय स्वीकृति पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ईरान ने अपने यहां इस नीति को लागू करने के लिए एनईपी 2020 का फारसी अनुवाद किया है और मॉरीशस ने भी अपने देश में एनसीईआरटी की तरह एक संस्थान विकसित करने में भारत का सहयोग मांगा है।

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