/काठमांडू, नेपाल की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी में संकट के साथ ही चीन के दखल का स्तर बढ़ा है। नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली तथा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल के बीच टकराव के बीच पार्टी की केंद्रीय सचिवालय की बुधवार को महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें ओली और प्रचंड सहित पार्टी के बड़े नेता शामिल हुए। इससे पहले प्रधानमंत्री ओली ने केंद्रीय सचिवालय की बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था। हालांकि नेपाल में चीन की राजदूत होउ यानची के साथ मंगलवार रात को मुलाकात के बाद ओली ने केंद्रीय सचिवालय की बैठक में भाग लेने पर सहमत हुए। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यानची और ओली के बीच करीब ढाई घंटे बातचीत हुई। ओली से इस मुलाकात से पहले यानची ने राष्ट्रपति विद्यादेवी भंडारी, प्रचंड, माधव कुमार नेपाल, स्पीकर अग्नि प्रसाद सपटकल और अन्य के साथ बातचीत की।
इससे पहले 31 अक्टूबर को ओली और प्रचंड के साथ केंद्रीय सचिवालय की बैठक हुई थी। नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी में केंद्रीय सचिवालय निर्णय लेने वाली समिति है, इसमें कुछ प्रमुख नेताओं सहित कुल 45 सदस्य हैं।
ओली की नेतृत्व क्षमता को लेकर पार्टी में गंभीर विवाद है। एक अन्य पार्टी के अध्यक्ष प्रचंड और वरिष्ठ नेता माधव कुमार नेपाल, झाला नाथ खनाल और बामदेब गौतम ने मांग की है कि ओली प्रधानमंत्री या पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दें। ओली इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं।