- छत्तीसगढ़, जगदलपुर, गोंडी भाषा को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने का काम गूगल और न्यूजीलैंड की कंपनी ने किया पूरा।
- मोबाइल और इंटरनेट पर सीधे टाइपिंग
- गूगल में गोंडी भाषा का यूनीकोड फॉन्ट आया
- यूनीकोड फॉन्ट आ जाने से गोंडी भाषा का विस्तार होगा।
भारत, छत्तीसगढ़, जगदलपुर, के बस्तर में आदिवासियों की भाषा गोंडी अब उन अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में शामिल हो गई है, जिनका यूनीकोड मौजूद है। गोंडी भाषा को भी लिपिबद्ध कर लिया गया है और गूगल ने इसका यूनीकोड फॉन्ट भी बना दिया है। इसके साथ ही अब गोंडी भाषा मोबाइल और इंटरनेट पर आसानी से टाइप की जा सकेगी।
गोंडी को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने का काम गूगल और न्यूजीलैंड की कंपनी ने किया। इस काम में सहयोग देने वाले शुभ्रांशु चौधरी ने बताया कि शुक्रवार को गोंडी यूनीकोड फॉन्ट के ऑनलाइन इनोग्रेशन के दौरान तेलंगाना के सिदाम अरजु, न्यूजीलैंड के मार्क पैनी, गूगल से क्रेक कोरनेलियस और देवांश मेहता मौजूद थे। चौधरी ने बताया कि यूनीकोड फॉन्ट आ जाने से गोंडी भाषा का खासा विस्तार होगा। अब तक गोंडी भाषा सिर्फ बोली जाती थी, लेकिन अब इसे लिखा भी जा सकेगा। खासतौर पर यूनीकोड फॉन्ट के जरिए इसका उपयोग गोंडी भाषा बोलने वाले युवा कर पाएंगे।