×
userImage
Hello
 Home
 Dashboard
 Upload News
 My News
 All Category

 Latest News and Popular Story
 News Terms & Condition
 News Copyright Policy
 Privacy Policy
 Cookies Policy
 Login
 Signup

 Home All Category
Thursday, Nov 21, 2024,

National / Hot Issue / India / / Bhopal
पाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का किया विरोध

By  / Public Reporter
Thu/Jan 01, 1970, 05:30 AM - IST   0    0
  • पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का किया विरोध।
  • भारत समेत ब्राजील, जर्मनी और जापान जैसे देश कई वर्षों से सुरक्षा परिषद में सुधार और इसके विस्तार की वकालत करते आ रहे हैं।
  • भारत की आवाज़ मानवता, मानव जाति और मानवीय मूल्यों के दुश्मन-आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स, मनी लाउंडरिंग के खिलाफ उठेगी।
  • भारत का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा।
Bhopal/

संयुक्त राष्ट्र, पाकिस्तान ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी का विरोध किया है।

भारत विरोधी बयानबाजी का कोई मौका नहीं छोड़ने वाले पाकिस्तान ने भारत की सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की दावेदारी को लेकर अपनी असुरक्षा की भावना व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने एक बयान में कहा, “ प्रधानमंत्री मोदी जटिल अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को लेकर चुपचाप और वास्तविकता से परे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए सुरक्षा परिषद में भारत को निर्णायक भूमिका दिए जाने की वकालत करते हुए इसमें सुधार की मांग की थी।

श्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को वीडियो का कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुये वैश्विक शांति में भारत की भूमिका को रेखांकित किया और सवाल किया कि संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक देशों में से एक होने के बावजूद वैश्विक संस्था की निर्णय प्रक्रिया से उसे कब तक अलग रखा जायेगा। उन्होंने कहा , “संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रियाओं में बदलाव, व्यवस्थाओं में बदलाव, स्वरूप में बदलाव आज समय की मांग है। भारत में संयुक्त राष्ट्र का जो सम्मान है वह बहुत कम देशों में है। यह भी सच्चाई है कि भारत के लोग संयुक्त राष्ट्र की सुधार प्रक्रियाओं के पूरा होने का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। आखिर कब तक भारत को संयुक्त राष्ट्र की निर्णय प्रक्रिया से अलग रखा जायेगा।

अगले साल जनवरी से सुरक्षा परिषद् के अस्थायी सदस्य के रूप में भारत की प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र होने की प्रतिष्ठा और इसके अनुभव को हम विश्व हित के लिए उपयोग करेंगे। हमारा मार्ग जनकल्याण से जगकल्याण का है। भारत की आवाज़ हमेशा शांति, सुरक्षा और समृद्धि के लिए उठेगी। भारत की आवाज़ मानवता, मानव जाति और मानवीय मूल्यों के दुश्मन-आतंकवाद, अवैध हथियारों की तस्करी, ड्रग्स, मनी लाउंडरिंग के खिलाफ उठेगी।

भारत समेत ब्राजील, जर्मनी और जापान जैसे देश कई वर्षों से सुरक्षा परिषद में सुधार और इसके विस्तार की वकालत करते आ रहे हैं। भारत को इसी वर्ष आयरलैंड, मैक्सिको और नार्वे के साथ सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के रूप में दो वर्ष के कार्यकाल के लिए चुना गया है। भारत का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा।

By continuing to use this website, you agree to our cookie policy. Learn more Ok