New Delhi/दिल्ली/डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अद्यनोम घेब्रेयेसस ने कहा- बहुत उम्मीद के साथ मैं घोषणा कर रहा हूं कि कोविड-19 वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल का दौर पार कर चुका है। इसका यह मतलब नहीं है कि कोविड-19 वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के तौर पर खत्म हो गया है। हालांकि कोविड-19 अब वैश्विक आपातकाल के योग्य नहीं है, जो विनाशकारी कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के प्रतीकात्मक अंत को चिह्नित करता है।
बता दें कि एक समय में दुनिया भर में इस महामारी के चलते 6.9 मिलियन से भी ज्यादा लोगों की जानें गई थीं। वहीं इसकी वजह से ग्लोबल इकोनॉमी पर भी काफी बुरा असर देखने को मिला था। यहां तक कई सारे बिजनेस और समुदाय इस दौरान तबाह भी हो गए थे।
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि हर हफ्ते दुनिया भर में हजारों लोग अब भी संक्रमण से जान गंवा रहे हैं।
अमेरिका में कोविड-19 के संबंध में की गई सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालीन घोषणा 11 मई को समाप्त होने वाली है, जब टीके की अनिवार्यता सहित महामारी के खिलाफ प्रतिक्रिया का समर्थन करने के लिए अपनाए गए व्यापक उपाय समाप्त हो जाएंगे। जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन सहित कई अन्य देशों ने पिछले साल महामारी के खिलाफ लागू अपने कई प्रावधानों को हटा दिया था। डब्ल्यूएचओ ने बृहस्पतिवार को एक विशेषज्ञ समूह की बैठक के बाद शुक्रवार को अपने उच्चतम स्तर के अलर्ट को कम करने का फैसला किया।
WHO चीफ ने कहा- उस वक्त चीन के बाहर यानी दूसरे देशों में 100 से कम केस रिपोर्ट हुए थे। इसके अलावा किसी की मौत की जानकारी भी नहीं मिली थी। इसके बाद जो 3 साल गुजरे, उनमें दुनिया पूरी तरह बदल गई। करीब 70 लाख लोग मारे गए। हम ये भी जानते हैं कि हकीकत में यह आंकड़ा कई गुना ज्यादा हो सकता है। हो सकता है करीब 2 करोड़ लोगों की मौत हुई हो।
उन्होंने कहा- बहरहाल अब हालात ये हैं कि सभी देशों को इमरजेंसी मोड से मैनेजिंग मोड पर आना है, ताकि इस बीमारी पर नजर बनाकर इसे काबू में रखा जाए। ये काम सिर्फ कोविड-19 ही नहीं, बल्कि दूसरे वायरस के मामले में भी करना होगा।