×
userImage
Hello
 Home
 Dashboard
 Upload News
 My News
 All Category

 Latest News and Popular Story
 News Terms & Condition
 News Copyright Policy
 Privacy Policy
 Cookies Policy
 Login
 Signup

 Home All Category
Friday, Oct 18, 2024,

Career / Success Story / India / Maharashtra / Nagpur Division
तीनों लोक, स्वर्ग, पृथ्वी, पाताल में ज्ञान देनेवाले गुरु के लिए कोई उपमा नहीं

By  AgcnneduNews...
Fri/Jul 23, 2021, 07:35 AM - IST   0    0
Nagpur Division/

दृष्टान्तो नैव दृष्टस्त्रिभुवनजठरे सद्गुरोर्ज्ञानदातुः स्पर्शश्चेत्तत्र कलप्यः स नयति यदहो स्वहृतामश्मसारम्।
न स्पर्शत्वं तथापि श्रितचरगुणयुगे सद्गुरुः स्वीयशिष्ये स्वीयं साम्यं विधते भवति निरुपमस्तेवालौकिकोऽपि।।


भावार्थ- तीनों लोक, स्वर्ग, पृथ्वी, पाताल में ज्ञान देनेवाले गुरु के लिए कोई उपमा नहीं दिखाई देती। गुरु को पारसमणि के जैसा मानते है, तो वह ठीक नहीं है, कारण पारसमणि केवल लोहे को सोना बनाता है, पर स्वयं जैसा नहीं बनाता ! सद्गुरु तो अपने चरणों का आश्रय लेनेवाले शिष्य को अपने जैसा बना देता है; इस लिए गुरुदेव के लिए कोई उपमा नहि है, गुरु तो अलौकिक है।

By continuing to use this website, you agree to our cookie policy. Learn more Ok