- कुल्लू जिले के मलाणा गांव को आज तक कोरोना महामारी छू भी नहीं पाई
- कोरोना काल के अब तक के 15 माह में एक भी कोरोना का केस गांव में नहीं
शिमला / हिमाचल प्रदेश के मलाणा के लोग सेल्फ लॉकडाउन के मदद से गांव में शून्य कोविड-19 मामले होने का दावा कर रहे हैं। एक स्थानीय शख्स ने बताया, "हमने पर्यटकों के लिए प्रवेश बंद कर दिया है। हम उन्हें अपने गांव में नहीं आने देते हैं। यहां कोई COVID मामला नहीं है। हम सेल्फ लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं।"
2350 आबादी वाले इस गांव में देवता जमलू (जमदग्नि ऋषि) का कानून चलता है। मलाणा गांव के लिए एचआरटीसी की एकमात्र बस सेवा है। कोरोना के चलते वह भी एक साल बाद इसी साल अप्रैल में चली थी, लेकिन अब यह बस फिर से बंद है। आसपास के गांवों के लोगों से भी यहां के लोग गांव के मुख्य गेट के बाहर ही मिलते हैं।
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गांव में देवता जमलू का राज
पंचायत प्रधान ने कहा कि इस गांव में यदि कोई अपराध करता है तो सजा कानून नहीं, बल्कि देवता जमलू देते हैं। देवता गूर के माध्यम से अपना आदेश सुनाते हैं। भारत का कोई भी कानून या पुलिस राज यहां नहीं चलता। अपनी इसी खास परंपरा, रीति-रिवाज और कानून के चलते इस गांव को दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र कहा जाता है।
पंचायत ने लिया बड़ा फैसला
पंचायत प्रधान राजू राम ने बताया कि कोरोना महामारी की रोकथाम को लेकर मलाणा पंचायत के प्रतिनिधियों,युवक मंडल,महिला मंडल गांव कमेटी ने मार्च माह के दूसरे सप्ताह में ही निर्णय लिया था कि अगस्त तक पर्यटकों की आवाजाही पर रोक रहेगी। मलाणा के लोग भी जरूरी काम के लिए पंचायत के बाहर जा सकते थे। बिना कार्य के लोगों को पंचायत के बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। गांव के लोगों ने पंचायत के चारों तरफ पहरा दिया जिसके चलते गांव में कोई भी बाहरी व्यक्ति नहीं आया। उन्होंने कहा कि मलाणा में देवता जम्दग्नि ऋषी,माता रेनुका ,नारसिंह देवता के आर्शिवाद से पंचायत में कोरोना का एक भी मामला सामने नहीं आया है। गांव के लोगों ने एकता और सुझबूझ और सतर्कता बरती है जिससे यहां पर अभी तक कोरोना महामारी का नामोनिशान नहीं है।