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Friday, Oct 18, 2024,

Today Special / Birthday / India / Maharashtra / Wardha
राष्‍ट्रीय आंदोलन में पराक्रम के प्रतीक थे नेताजी – प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल

By  Newssyn Team
Sat/Jan 23, 2021, 10:41 AM - IST   0    0
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल एवं प्रो. कृपाशंकर चौबे
  • 'एक भारत श्रेष्‍ठ भारत' के अंतर्गत ‘नेताजी की पत्रकारिता’ विषय पर हिंदी विश्‍वविद्यालय में व्‍याख्‍यान का आयोजन
Wardha/

नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस की 125वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्‍ठ भारत’ के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने अपने अध्‍यक्षीय उद्बोधन में कहा कि आज़ादी के आंदोलन में नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस का महत्‍वपूर्ण योगदान रहा है। सन् 1857 से 1947 तक आज़ादी के पराक्रम का प्रदर्शन चलता रहा। नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस राष्‍ट्रीय आंदोलन में पराक्रम के प्रती‍क थे। प्रो. शुक्‍ल ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष्‍य में ‘नेताजी की पत्रकारिता’ विषय पर बात करते हुए कहा कि नेताजी ने फारवर्ड ब्‍लाक समाचारपत्र के माध्‍यम से संपूर्ण भारत के परिदृश्‍य को सामने लाने का काम किया। नेताजी ने रेडियो के माध्‍यम से पहली बार गांधी जी को राष्‍ट्रपिता संबोधित किया। दोनों नेताओं के रास्‍ते अलग-अलग थे पर लक्ष्‍य था भारत की आज़ादी। नेताजी की 125वी जयंती पर संपूर्ण भारत नेताजी के पराक्रम के प्रति आदरांजलि अर्पित कर रहा है।

‘नेताजी की पत्रकारिता’ पर मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता एवं जनसंचार विभाग के अध्‍यक्ष  प्रो. कृपाशंकर चौबे ने अपने वक्‍तव्‍य में कहा कि नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस ने आज़ादी के आंदोलन के लिए पत्रकारिता को हथियार बनाया और उन्‍होंने फारवर्ड ब्‍लाक के माध्‍यम से जनजागरूकता फैलाने का काम किया।  नेताजी ने देश-विदेश की समस्‍याओं से जुड़े विषयों पर उम्‍दा तरीके से लिखते थे। नेताजी ने 5 अगस्‍त 1939 को राजनीतिक साप्‍ताहिक समाचार पत्र ‘फारवर्ड ब्‍लाक’ निकाला और 1 जून 1940 तक उसका संपादन किया। 20 पन्‍ने के अखबार में समाचार, सामयिक टिप्पणियां, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विषयों पर लेख, पुस्‍तक समीक्षा और संपादक के नाम पत्र भी छपते थे। प्रो. चौबे ने आगे कहा कि नेताजी ने ‘नीड ऑफ अवर नेशन’ संपादकीय टिप्पणी के माध्‍यम से पूर्ण स्‍वराज की मांग की। नेताजी मुद्रित माध्‍यमों के साथ-साथ  रेडियो माध्‍यम से भी संदेश प्रसारित करते थे। प्रोफेसर चौबे ने नेताजी द्वारा लिखे गये महत्‍वपूर्ण लेखों को स्‍लाइड के माध्‍यम से प्रदर्शित भी किया।

गालिब सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. रजनीश शुक्‍ल द्वारा द्वीप प्रज्‍जवलन एवं नेताजी के चित्र पर माल्‍यार्पण कर किया गया। इस अवसर पर एक भारत श्रेष्‍ठ भारत के नोडल अधिकारी डॉ. सुशील कुमार त्रिपाठी ने एक भारत श्रेष्‍ठ भारत के परिप्रेक्ष्‍य में हो रहे आयोजन के महत्‍व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. धरवेश कठेरिया ने किया।  कार्यक्रम के अंत में ‘कदम-कदम बढ़ाए जा’ गीत के माध्‍यम से उपस्थित सभी अधिष्‍ठाता, विभागाध्‍यक्ष, अध्‍यापक और कर्मचारियों ने नेताजी को सलमी दी।

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