×
userImage
Hello
 Home
 Dashboard
 Upload News
 My News
 All Category

 Latest News and Popular Story
 News Terms & Condition
 News Copyright Policy
 Privacy Policy
 Cookies Policy
 Login
 Signup

 Home All Category
Friday, Oct 18, 2024,

National / Hot Issue / Bangladesh / Dhaka District / Dhaka
बांग्लादेश में भयंकर हिंसा के बीच 778 से ज्यादा भारतीय छात्र स्वदेश लौट

By  AgcnneduNews...
Sat/Jul 20, 2024, 06:01 AM - IST   0    0
  • शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार ने कानून-व्यवस्था की चिंताजनक स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लागू करने और सेना उतारने का फैसला किया है।
  • अब तक 2500 से ज्यादा प्रदर्शनकारी पुलिस और सुरक्षा बलों के हाथ झड़प में जख्मी हुए हैं। देश में मोबाइल इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है।
Dhaka/

ढाका/बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने शुक्रवार को बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर कई दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा के बाद व्यवस्था बनाए रखने के लिए सैन्य बलों की तैनाती का आदेश दिया। बांग्लादेश में सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी के महासचिव ओबैदुल कादर ने यह घोषणा की। यह घोषणा पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी और राजधानी में सभी सभाओं पर प्रतिबंध लगाये जाने के बाद की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंसा में कई लोग मारे गए हैं। कादर ने कहा कि नागरिक प्रशासन को व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने के लिए सेना को तैनात किया गया है।

इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद

बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर कई दिनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इस बीच शुक्रवार को पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले दागे। वहीं हिंसक प्रदर्शनों के बीच इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं। राजधानी ढाका और कुछ स्थानों पर प्रदर्शन कुछ सप्ताह पहले शुरू हुए थे, लेकिन सोमवार से इनमें तेजी आ गई। ये विरोध प्रदर्शन बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक इस प्रदर्शन की वजह से 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात

प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की घटना तब हुई थी जब प्रदर्शनकारी छात्रों ने देश में ‘‘पूर्ण बंद’’ का प्रयास किया था। मौतों के आंकड़ों की पुष्टि के लिए अधिकारियों से तत्काल संपर्क नहीं हो सका। इस अराजकता ने बांग्लादेश की शासन व्यवस्था और अर्थव्यवस्था में दरारों और अच्छी नौकरियों की कमी का सामना कर रहे युवा स्नातकों की हताशा को उजागर किया है। सरकार ने परिसरों को बंद करने और विरोध प्रदर्शनों को रोकने के लिए पूरी राजधानी में पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया है।

कई सेवाएं हुईं बाधित

शुक्रवार को ढाका पुलिस ने कहा कि वे राजधानी में सभी सभाओं और प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। राजधानी ढाका में बृहस्पतिवार रात को इंटरनेट सेवाएं और मोबाइल डेटा व्यापक रूप से बाधित रहे और शुक्रवार को भी बंद रहे। फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया मंच भी काम नहीं कर रहे थे। शुक्रवार को इंटरनेट बाधित रहा जिसने दुनिया भर में उड़ानों, बैंक, मीडिया आउटलेट और कंपनियों को बाधित किया, लेकिन बांग्लादेश में व्यवधान अन्य जगहों की तुलना में काफी अधिक था।

क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग

बता दें कि प्रदर्शनकारी 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले नायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ कई दिनों से रैलियां कर रहे हैं। उनका तर्क है कि यह प्रणाली भेदभावपूर्ण है और प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों को लाभ पहुंचा रही है, जिनकी अवामी लीग पार्टी ने मुक्ति आंदोलन का नेतृत्व किया था। छात्र चाहते हैं कि इसे योग्यता आधारित प्रणाली में तब्दील किया जाए। वहीं हसीना ने आरक्षण प्रणाली का बचाव करते हुए कहा कि संघर्ष में योगदान देने वालों को सम्मान मिलना चाहिए चाहे उनकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो।

भयंकर हिंसा के बीच 778  से ज्यादा भारतीय छात्र स्वदेश लौट

बांग्लादेश में राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू और भयंकर हिंसा के बीच 778 से ज्यादा भारतीय छात्र स्वदेश लौट आए हैं। अभी कई हजार छात्र भारतीय विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं। बांग्लादेश हिंसा में 105 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। एसके बाद प्रधानमंत्री हसीना ने राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू लागू कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय और ढाका स्थित दूतावास स्वदेशी छात्रों की वापसी और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 24 घंटे पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हैं और उनकी मदद कर रहे हैं। अब तक, 778 भारतीय छात्र विभिन्न भूमि बंदरगाहों के माध्यम से भारत लौट आए हैं। इसके अलावा, लगभग 200 छात्र ढाका और चटगांव हवाई अड्डों के माध्यम से नियमित उड़ान सेवाओं द्वारा घर लौट आए हैं। ढाका में भारतीय उच्चायोग और हमारे सहायक उच्चायोग बांग्लादेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में बचे 4000 से अधिक छात्रों के साथ नियमित संपर्क में हैं। उनकी वापसी के लिए भी इंतजाम किया जा रहा है। साथ ही उन्हें सभी तरह की आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं।

नेपाल और भूटान की भी मदद

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि बांग्लादेश में हिंसा के चलते नेपाल और भूटान के छात्रों की भी भारत की ओर से मदद की जा रही है। दोनों देशों की सरकारों के अनुरोध पर इन दोनों देशों के छात्रों को भी वहां से निकालने में भारत की ओर से हरसंभव सहायता दी जा रही है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन दोनों देशों के छात्रों को भारत में प्रवेश करने की इजाजत दी गई है। साथ ही उनकी पूरी मदद की जा रही है।

By continuing to use this website, you agree to our cookie policy. Learn more Ok