×
userImage
Hello
 Home
 Dashboard
 Upload News
 My News
 All Category

 Latest News and Popular Story
 News Terms & Condition
 News Copyright Policy
 Privacy Policy
 Cookies Policy
 Login
 Signup

 Home All Category
Friday, Oct 18, 2024,

You Must Know / Discover / India / Karnataka / Bijapur
बीजापुर एक बहु-सांस्कृतिक शहर

By  AgcnneduNews...
Fri/Jul 05, 2024, 07:31 AM - IST   0    0
  • बीजापुर की स्थापना 10वीं-11वीं शताब्दी में कल्याणी चालुक्यों द्वारा की गई थी।
  • 1686 में मुग़ल सम्राट औरंगज़ेब ने बीजापुर पर कब्जा कर लिया।
Bijapur/
बीजापुर/बीजापुर, जिसे अब विजयपुरा के नाम से जाना जाता है, यह कर्नाटक राज्य में बंगलौर के उत्तर-पश्चिम में स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। यह दक्षिण भारत के महत्वपूर्ण शहरों में से एक है और अपने समृद्ध इतिहास और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। इसके अद्वितीय स्थापत्य और इतिहास ने इसे पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य बना दिया है। हालांकि, कई लोग इसे 'दक्षिण भारत का आगरा' के नाम से भी जानते हैं। बीजापुर की स्थापना 10वीं-11वीं शताब्दी में कल्याणी चालुक्यों द्वारा की गई थी। 13वीं शताब्दी में यह शहर यदवों के अधीन था। बाद में 14वीं शताब्दी में बहमनी सुल्तानों ने इसे अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया। बहमनी साम्राज्य के विभाजन के बाद, यह आदिल शाही वंश का हिस्सा बना।16वीं शताब्दी में बीजापुर आदिल शाही वंश की राजधानी बना और इसके बाद यह शहर मुग़ल साम्राज्य के प्रमुख शहरों में से एक बन गया। आदिल शाही शासकों ने यहाँ पर कई महत्वपूर्ण स्मारकों का निर्माण कराया जो आज भी शहर की पहचान हैं। कर्नाटक में गोल गुम्बज को प्यार की निशानी माना जाता है। कहा जाता है कि उस समय के राजा मोहम्मद आदिल शाह और उनकी प्रेमिका इसी ईमारत में विश्राम करते थे। 1686 में मुग़ल सम्राट औरंगज़ेब ने बीजापुर पर कब्जा कर लिया। आज बीजापुर एक बहु-सांस्कृतिक शहर है जहाँ विभिन्न धर्मों और समुदायों के लोग रहते हैं। यहाँ की संस्कृति में स्थानीय कन्नड़ परंपराओं के साथ-साथ मुस्लिम संस्कृति का भी प्रभाव देखा जा सकता है। बीजापुर के लोग संगीत, नृत्य और कला में विशेष रुचि रखते हैं। यहाँ का 'बीजापुर संगीत उत्सव' बहुत प्रसिद्ध है। बीजापुर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और हस्तशिल्प पर निर्भर है। यहाँ की प्रमुख फसलें चावल, गन्ना, और तम्बाकू हैं। इसके अलावा, बीजापुर अपने हस्तशिल्प और कारीगरी के लिए भी जाना जाता है, जिसमें कढ़ाई, लकड़ी के काम, और धातु के शिल्प शामिल हैं।
 
बीजापुर की वास्तुकला और मुख्य आकर्षण:
बीजापुर की वास्तुकला अपने अद्वितीय शैली के लिए जानी जाती है, जिसमें इस्लामी और भारतीय स्थापत्य का मेल देखा जा सकता है। यहाँ कुछ प्रमुख स्थलों का विवरण दिया गया है: 
  1. गोल गुम्बज: यह बीजापुर का सबसे प्रसिद्ध स्मारक है। यह मोहम्मद आदिल शाह का मकबरा है और इसका गुंबद विश्व के सबसे बड़े गुंबदों में से एक है। इसमें एक गैलरी है जिसे 'व्हिस्परिंग गैलरी' कहा जाता है, जहाँ एक सिरे से की गई फुसफुसाहट दूसरे सिरे पर स्पष्ट सुनाई देती है।
  2. इब्राहीम रौजा: यह मकबरा सुल्तान इब्राहीम आदिल शाह द्वितीय का है। इसे 'डक्कन का ताजमहल' भी कहा जाता है और यह अपनी उत्कृष्ट नक्काशी और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है।
  3. जामा मस्जिद: यह मस्जिद बीजापुर की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण मस्जिद है, जिसे अली आदिल शाह प्रथम ने बनवाया था। इसकी भव्यता और सुंदरता इसे खास बनाती है।
  4. मलिक-ए-मैदान: यह विश्व की सबसे बड़ी कांस्य तोप है, जिसे मलिक-ए-मैदान कहा जाता है। इसे बीजापुर के किले में रखा गया है।
  5. बारह कमान: यह एक वास्तुशिल्पीय चमत्कार है जिसमें बारह मेहराबें हैं। यह बीजापुर के स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
  6. मेहतर महल: यह एक सुंदर महल है जो अपने अद्वितीय वास्तुकला और नक्काशी के लिए प्रसिद्ध है।
बीजापुर में अन्य कई महत्वपूर्ण स्थल भी हैं जैसे कि असर महल, सफा मस्जिद और गगन महल आदि।
 
बीजापुर की यात्रा कैसे करें:
बीजापुर तक पहुंचने के लिए अच्छी परिवहन सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ का निकटतम हवाई अड्डा हुबली है, जो बीजापुर से लगभग 200 किलोमीटर दूर है। बीजापुर रेलवे स्टेशन भी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। शहर में स्थानीय परिवहन के लिए बसें, टैक्सी और ऑटो-रिक्शा आसानी से उपलब्ध हैं। बीजापुर की यात्रा आपको इसके समृद्ध अतीत और अद्वितीय धरोहर के साथ जोड़ती है, जिससे आप इस शहर के महत्व को और गहराई से समझ सकते हैं। यह शहर इतिहास प्रेमियों, वास्तुकला के प्रेमियों, और सांस्कृतिक उत्साही लोगों के लिए एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।
By continuing to use this website, you agree to our cookie policy. Learn more Ok