Kolkata/कोलकाता/पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में सोमवार को सुबह एक मालगाड़ी की टक्कर लगने के कारण सियालदह जाने वाली कंचनजंगा एक्सप्रेस के पीछे के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए। इससे कम से कम 15 यात्री मारे गए और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। जानकारी के मुताबिक, ये हादसा सुबह 8:55 बजे के आसपास हुआ। अधिकारियों ने बताया कि हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि राज्य और केंद्र की कई एजेंसियां स्थानीय लोगों के साथ मिलकर उन यात्रियों को बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं जो अभी भी अंदर फंसे हो सकते हैं। एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि मृतकों में मालगाड़ी का पायलट और सह-पायलट भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना में घायल हुए लोगों को उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाया जा रहा है।
अधिकारी ने बताया कि उत्तर बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से लगभग 30 किलोमीटर दूर रंगापानी स्टेशन के पास ही मालगाड़ी के इंजन द्वारा पीछे से टक्कर मारे जाने के कारण कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के तीन डब्बे पटरी से उतर गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट में कहा कि पश्चिम बंगाल में रेल दुर्घटना दुखद है। जिन लोगों ने इस हादसे में अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदना है। उन्होंने आगे कहा कि मैं प्रार्थना करता हूं कि हादसे में घायल हुए लोग जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। मैंने अधिकारियों से बात की और स्थिति का जायजा लिया। प्रभावितों का सहायता के लिए बचाव अभियान जारी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी दुर्घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।
राहत राशि का ऐलान
दुर्घटना के बाद राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए सोमवार को पश्चिम बंगाल रवाना हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पीड़ितों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मरने वालों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। भीषण टक्कर के कारण कंचनजंघा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे तुरंत ही पटरी से उतर गए जबकि एक अन्य डिब्बा मालगाड़ी के इंजन के ऊपर चढ़ गया था।
खराब मौसम की वजह से बचाव अभियान में दिक्कत
अधिकारी ने कहा कि खराब मौसम की वजह से बचाव कार्य में परेशानी उत्पन्न हो रही है। इस दुर्घटना ने एक साल पहले ओडिशा के बहनागा बाजार के निकट हुई कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटना की यादों को ताजा कर दिया है। इस हादसे में लगभग 300 लोग मारे गए थे तथा 1,000 से अधिक लोग घायल हुए थे। रेलवे अधिकारी ने बताया कि 13174 कंचनजंघा एक्सप्रेस अगरतला से सियालदह जा रही थी, तभी सुबह करीब नौ बजे यह दुर्घटना हुई।
ममता बनर्जी ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर किए गए पोस्ट में कहा कि ‘अभी-अभी दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा इलाके में एक दुखद रेल दुर्घटना होने के बारे में जानकर स्तब्ध हूं। विस्तृत जानकारी का इंतजार है, बताया जाता है कि कंचनजंगा एक्सप्रेस को एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी है।’ उन्होंने आगे लिखा कि ‘जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, डॉक्टर, एंबुलेंस और आपदा टीमों को बचाव, राहत और चिकित्सा सहायता के लिए घटनास्थल पर भेजा गया है। युद्धस्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।’
एक अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल सी वी आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राहत कार्यों का निरीक्षण करने और घायलों से मिलने के लिए बाद में रेल दुर्घटना स्थल का दौरा करेंगे। अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए न्यू जलपाईगुड़ी में दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे। इस बीच रेलवे अधिकारियों ने पुष्टि की है कि कंचनजंगा एक्सप्रेस ने बाकी यात्रियों को लेकर अप्रभावित डिब्बों के साथ कोलकाता के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है।
रेलवे बोर्ड की चेयरमैन जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि मालगाड़ी के ड्राइवर (लोको पायलट) ने सिग्नल को पूरी तरह से अनदेखा किया था। इस दुर्घटना में ड्राइवर और ट्रेन के गार्ड की भी मौत हो गई है। ये इस साल का अब तक का सबसे बड़ा रेल हादसा है। इससे पहले पिछले साल जून में ही ओडिशा के बालासोर में बड़ा हादसा हुआ था। तब कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे में लगभग तीन सौ लोगों की मौत हो गई थी।
हर साल कितने हादसे?
सरकार का दावा है कि 2004 से 2014 के बीच हर साल औसतन 171 रेल हादसे होते थे। जबकि 2014 से 2023 के बीच सालाना औसतन 71 रेल हादसे हुए।