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Friday, Oct 18, 2024,

Defence & Security / International Issues / India / Goa / Panaji
गोवा शिपयार्ड लिमिटेड : जहाज X-GSL के निर्माण कार्य का औपचारिक शुभारंभ

By  AgcnneduNews...
Sun/May 05, 2024, 11:01 AM - IST   0    0
  • नई एवं आधुनिक पीढ़ी के इन समुद्रगामी गश्ती जहाजों का इस्तेमाल समुद्री डकैती रोकने, तटीय सुरक्षा और निगरानी, ​​खोज एवं बचाव तथा अपतटीय संपत्तियों की रक्षा व संरक्षण जैसे मिशनों को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
  • यह पहल स्वदेशी युद्धपोत के निर्माण की दिशा में और भारतीय नौसेना की प्रगति के पथ पर महत्वपूर्ण मील का पत्थर है तथा देश की 'आत्मनिर्भर भारत' व 'मेक इन इंडिया' पहल के अनुरूप है।
Panaji/

गोवा/आधुनिक पीढ़ी के पहले समुद्रगामी गश्ती जहाज (एक्स-जीएसएल) के निर्माण कार्य का औपचारिक शुभारंभ कार्यक्रम 03 मई, 2024 को मेसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड, गोवा में आयोजित किया गया था। इस समारोह की अध्यक्षता युद्धपोत निर्माण एवं अधिग्रहण नियंत्रक वाइस एडमिरल बी शिव कुमार ने की। इस महत्वपूर्ण अवसर पर गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री बी के उपाध्याय और भारतीय नौसेना तथा मेसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

आधुनिक पीढ़ी के समुद्र तट से काफी दूर तैनात होने वाले इस तरह के 11 गश्ती समुद्रगामी जहाजों (एनजीओपीवी) के स्वदेशी डिजाइन एवं निर्माण के लिए अनुबंध 30 मार्च, 2023 को रक्षा मंत्रालय और मैसर्स गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल), गोवा तथा मैसर्स गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई), कोलकाता के बीच किया गया था। इनमें से सात जहाजों का निर्माण लीड शिपयार्ड मेसर्स जीएसएल द्वारा होना है और चार युद्धपोतों को फॉलो शिपयार्ड मेसर्स जीआरएसई द्वारा तैयार किया जाना है।

नई एवं आधुनिक पीढ़ी के इन समुद्रगामी गश्ती जहाजों का इस्तेमाल समुद्री डकैती रोकने, तटीय सुरक्षा और निगरानी, ​​खोज एवं बचाव तथा अपतटीय संपत्तियों की रक्षा व संरक्षण जैसे मिशनों को पूरा करने के लिए किया जाएगा। ये जहाज भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में देश के आर्थिक एवं भू-राजनीतिक हितों की रक्षा के लिए अपनी लड़ाकू क्षमता विस्तृत रखने में सक्षम बनाएंगे। यह पहल स्वदेशी युद्धपोत के निर्माण की दिशा में और भारतीय नौसेना की प्रगति के पथ पर महत्वपूर्ण मील का पत्थर है तथा देश की 'आत्मनिर्भर भारत' व 'मेक इन इंडिया' पहल के अनुरूप है।

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