Pune/पुणे/नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने युद्ध लड़ने में सहायक हमारी पारंपरिक उपकरण सामग्री को भविष्य के युद्धों के उभरते परिप्रेक्ष्य के अनुकूल बनाकर फिर से डिजाइन और उनका पुनर्निर्माण करने की आवश्यकता पर बल दिया है। नौसेना प्रमुख 19 फरवरी, 2024 को पुणे के गिरिनगर में सैन्य प्रौद्योगिकी संस्थान (एमआईएलआईटी) में "भारत की समुद्री चुनौतियां एवं भारतीय नौसेना के प्रयास" विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। एडमिरल आर हरि कुमार ने पसंदीदा सुरक्षा भागीदार के रूप में भारतीय नौसेना के प्रभावी दृष्टिकोण पर जोर दिया। इस अवसर पर एडमिरल आर हरि कुमार ने हिंद महासागर क्षेत्र के महत्व और इसकी समुद्री चुनौतियों को रेखांकित किया। उन्होंने भारतीय नौसेना के युद्धपोतों द्वारा हाल ही में संचालित किए गए समुद्री डकैती विरोधी अभियानों का उल्लेख किया। नौसेना स्टाफ के प्रमुख ने समुद्री सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए एक आत्मनिर्भर दृष्टिकोण तथा उन्नत सहयोगी प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।
एडमिरल ने संयुक्तता के युग में सशस्त्र बलों को आकार देने में तकनीकी-योद्धाओं की भूमिका का भी जिक्र किया और युद्ध होने की स्थिति में भविष्य की तैयारियों हेतु विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने के महत्व पर काफी बल दिया।
नौसेना प्रमुख की पुणे में सैन्य प्रौद्योगिकी संस्थान की इस यात्रा ने आधुनिक भारतीय नौसेना की नींव रखने वाले भारत के महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के शुभ अवसर को और भी स्मरणीय बना दिया है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने पुणे के सैन्य प्रौद्योगिकी संस्थान में नव स्थापित प्रयोगशालाओं का भी दौरा किया और मित्रवत देशों के अधिकारियों सहित तीनों सेवाओं के अधिकारियों को तकनीकी-योद्धाओं, भविष्य के कमांडरों तथा स्टाफ अधिकारियों के रूप में प्रशिक्षित करने में उनकी भूमिका के लिए इस सैन्य प्रौद्योगिकी संस्थान को बधाई भी दी।