New Delhi/दिल्ली/राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) अपनी पब्लिकेश "क्राइम इन इंडिया" में अपराधों पर सांख्यिकीय डेटा संकलित और प्रकाशित करता है। नवीनतम प्रकाशित रिपोर्ट वर्ष 2022 के लिए है।
भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार 'पुलिस' और 'सार्वजनिक व्यवस्था' राज्य के विषय हैं। राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के माध्यम से साइबर अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और अभियोजन के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। केंद्र सरकार अपनी कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता निर्माण के लिए सलाह और योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकारों की पहल को बढ़ावा देती है। साइबर अपराधों से व्यापक और समन्वित तरीके से निपटने की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए, केंद्र सरकार ने गृह मंत्रालय के माध्यम से देश में सभी प्रकार के साइबर अपराधों से निपटने के लिए 'भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र' (I4सी) बनाई है।
साइबर अपराधों और महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले क्राइम पर विशेष ध्यान देने के मकसद के साथ जनता को सभी प्रकार के साइबर अपराधों से संबंधित घटनाओं की रिपोर्ट करने में सक्षम बनाने के लिए, I4सी के एक हिस्से के रूप में क्राइम 'राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल' (https://cybercrime.gov.in) लॉन्च किया गया है। इस पोर्टल पर रिपोर्ट की गई साइबर अपराध की घटनाएं, उन्हें एफआईआर में बदलना और उसके बाद की कार्रवाई को कानून के प्रावधानों के अनुसार संबंधित राज्य और केंद्रशासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग और धोखेबाजों द्वारा धन की हेराफेरी को रोकने के लिए I4सी के तहत 'सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम' लॉन्च किया गया है। नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली की स्थापना के बाद से करीब 4.7 लाख से ज्यादा शिकायतों में 1200 करोड़ रुपये बचाए गए हैं। ऑनलाइन साइबर शिकायतें दर्ज करने में सहायता प्राप्त करने के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर '1930' चालू किया गया है। 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 की अवधि के दौरान नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग प्रबंधन प्रणाली का राज्य/केंद्र शासित प्रदेशवार विवरण अनुबंध में है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार अब तक 3.2 लाख से अधिक सिम कार्ड और 49,000 आईएमईआई को भारत सरकार द्वारा ब्लॉक कर दिया गया है।
सीईआरटी-इन निरंतर आधार पर कंप्यूटर, मोबाइल फोन, नेटवर्क और डेटा की सुरक्षा के लिए लेटेस्ट साइबर खतरों/कमजोरियों और जवाबी उपायों के संबंध में अलर्ट और सलाह जारी करता है। सीईआरटी-इन ने आरबीआई के माध्यम से देश में प्री-पेड भुगतान उपकरण (वॉलेट) जारी करने वाली सभी अधिकृत संस्थाओं और बैंकों को सीईआरटी-इन-पैनल वाले ऑडिटर्स द्वारा विशेष ऑडिट करने, ऑडिट रिपोर्ट में जिन प्रावधानों की अनदेखी की जा रही है उन्हें बंद करने और सुरक्षा सर्वोत्तम प्रथाओं का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने की सलाह दी है। सीईआरटी-इन और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) संयुक्त रूप से डिजिटल इंडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से 'वित्तीय धोखाधड़ी से सावधान रहें और जागरूक रहें' पर एक साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान चला रहे हैं।
साइबर अपराध पर जागरूकता फैलाने के लिए, केंद्र सरकार ने कदम उठाए हैं, जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ शामिल हैं; एसएमएस के माध्यम से संदेशों का प्रसार, I4सी सोशल मीडिया अकाउंट यानी और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के सहयोग से सुरक्षा जागरूकता सप्ताह, किशोरों/छात्रों के लिए हैंडबुक का प्रकाशन आदि। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से व्यापक जागरूकता पैदा करने के लिए प्रचार-प्रसार करने का भी अनुरोध किया गया है।