New Delhi/दिल्ली/गृह मंत्रालय ने सभी प्रकार के साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग के लिए नागरिकों को एक केंद्रीकृत तंत्र प्रदान करने के लिए 30 अगस्त 2019 को राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) का संचालन शुरू किया है, जिसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराधों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस पोर्टल पर रिपोर्ट की गई घटनाओं को एफआईआर में बदलना और उसके बाद की कार्रवाई को कानून के प्रावधानों के अनुसार संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसी (एलईए) द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली (सीएफसीएफआरएमएस) को "राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल" के एक भाग के रूप में विकसित किया गया है। यह मॉड्यूल एक एकीकृत मंच प्रदान करता है, जहां राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के एलईए, सभी प्रमुख बैंक और वित्तीय मध्यस्थ, भुगतान वॉलेट, क्रिप्टो एक्सचेंज और ई-कॉमर्स कंपनियां सहित सभी हितधारक त्वरित, निर्णायक और सिस्टम-आधारित प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करते हैं। पीड़ित के खाते से साइबर जालसाज़ के खाते में धन के प्रवाह को रोकने के लिए कदम उठाया गया है। इस प्रकार जब्त किया गया पैसा उचित कानूनी प्रक्रिया के बाद पीड़ित को वापस कर दिया जाता है। यह प्लेटफ़ॉर्म धोखाधड़ी की आय को रूट करने के लिए धोखेबाजों द्वारा दुरुपयोग किए जा रहे विभिन्न वित्तीय चैनलों की पहचान करने में सक्षम बनाता है। ऑनलाइन साइबर घटनाओं को दर्ज करने में सहायता प्राप्त करने के लिए एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर '1930' (1905 नहीं, जैसा कि भाग ए में बताया गया है) चालू किया गया है। 01.01.2023 से 30.11.2023 तक सीएफसीएफआरएमएस पर वित्तीय धोखाधड़ी की 10.10 लाख से अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं। सीएफसीएफआरएमएस की स्थापना (01.04.2021) के बाद से, 4 लाख से ज्यादा घटनाओं में 1000 करोड़ रुपये से अधिक बचाए गए हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) अपने प्रकाशन "क्राइम इन इंडिया" में अपराधों पर सांख्यिकीय डेटा संकलित और प्रकाशित करता है।